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West Bengal News: विश्वभारती के प्रोफेसर ने वीसी के खिलाफ दर्ज कराई FIR, शांतिनिकेतन ट्रस्ट की संपत्ति पर कब्जे का आरोप

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Published : May 5, 2023, 7:14 PM IST

पश्चिम बंगाल के बोलपुर में विश्वभारती के कुलपति विद्युत चक्रवर्ती के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. वहीं दूसरी ओर नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन को हटाने की धमकी के विरोध में कई संगठन सड़कों पर आ गए हैं.

Vice Chancellor of Vishwabharti Vidyut Chakraborty
विश्वभारती के कुलपति विद्युत चक्रवर्ती

बोलपुर: पश्चिम बंगाल के बोलपुर में विश्वभारती के कुलपति विद्युत चक्रवर्ती के खिलाफ शांतिनिकेतन थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई गई है. विश्वभारती विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर सहित बोलपुर व्यापार संघ के एक पूर्व कर्मचारी और लोगों ने कुलपति चक्रवर्ती के खिलाफ 'शांतिनिकेतन ट्रस्ट' की संपत्ति कुर्क करने की शिकायत दर्ज कराई है. संयोग से, अमर्त्य सेन को हटाने की धमकी के विरोध में कई लोग सड़क पर उतर आए हैं.

इसी के अनुसार दो अलग-अलग पत्र बोलपुर उप-जिला मजिस्ट्रेट और शांतिनिकेतन पुलिस स्टेशन को आश्रम क्षेत्र में शांति और व्यवस्था भंग होने और कुलपति की जान को खतरे की आशंका से भेजे गए हैं. कुलपति के खिलाफ शुक्रवार को शिकायत दर्ज कराई गई थी, क्योंकि आरोप लगाया गया कि वह जानबूझकर शांतिपूर्ण विरोध को अशांति की राह पर ले जा रहे थे. विश्वभारती ने आरोप लगाया है कि नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने 13 डेसीमल से ज्यादा जमीन पर कब्जा कर लिया है.

इसने शिक्षाविदों से लेकर आश्रमों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, थिएटर कर्मियों, अर्थशास्त्रियों और अन्य सभी को नाराज कर दिया है. 'भारत रत्न' अमर्त्य सेन को हटाने की धमकी के खिलाफ विभिन्न संगठन सड़कों पर उतरे. हालांकि, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पहले ही 6 मई तक जमीन खाली करने के विश्वभारती के आदेश पर रोक लगा दी है. विश्वभारती के अधिकारियों और कुलपति बिद्युत चक्रवर्ती की भूमिका के बाद दो अलग-अलग पत्र बोलपुर उप-जिला मजिस्ट्रेट और शांति निकेतन पुलिस स्टेशन में दायर किए हैं.

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विश्वभारती के कार्यवाहक सचिव मनबेंद्रनाथ साहा ने बोलपुर उप-विभागीय मजिस्ट्रेट को लिखे एक पत्र में कहा कि अमर्त्य सेन की जमीन से जुड़ा मामला विचाराधीन है. ऐसे में मार्च, धरना, प्रदर्शन और आंदोलन से विश्वभारती के परिसर में शांति भंग होगी. शांति व्यवस्था बिगड़ेगी. इसे रोकने के लिए उन्हें रोका जाए. विरोध के पत्रक बांटे जा रहे हैं. कुलपति और विश्वभारती के अधिकारियों के खिलाफ बोलने को कह रहे हैं. नतीजतन, कुलपति सहित अधिकारियों को जान का खतरा है.

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