सालबोनी: पश्चिम बंगाल की मंत्री बीरबाहा हांसदा के वाहन पर शुक्रवार को पश्चिम मेदिनीपुर जिले में हमला किया गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कुर्मी समुदाय के सदस्यों ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी के काफिले पर कथित तौर पर पथराव किया और इस काफिले में मंत्री का वाहन भी शामिल था.
यह घटना सालबोनी में हुई, जहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शनिवार को पार्टी के एक कार्यक्रम में शामिल होने वाली हैं. पार्टी के एक नेता ने बताया कि जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त अभिषेक बनर्जी ने अपने तृणमूल नबो ज्वार (तृणमूल में नयी लहर) अभियान के तहत झारग्राम के बिनपुर और गोपीबल्लवपुर में एक रोड शो का नेतृत्व किया.
उन्होंने बताया कि रैली के बाद जब वह सालबोनी से गुजर रहे थे, तब अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे कुर्मी समुदाय के सदस्य सड़क के दोनों ओर एकत्र हो गए. टीएमसी नेता ने कहा, 'जैसे ही अभिषेक की कार आगे बढ़ी, उन्होंने रोड शो में कथित तौर पर पथराव शुरू कर दिया. हमले में काफिले में शामिल हांसदा का वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गया.'
पश्चिम बंगाल की मंत्री बीरबाहा हांसदा अधिकारियों ने कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर भेजा गया है. यह तत्काल पता नहीं चल सका है कि इस सिलसिले में किसी को गिरफ्तार किया गया है या नहीं. अभिषेक ने आरोप लगाया कि हमले के पीछे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का हाथ है. उन्होंने देर रात पार्टी का कार्यक्रम संबोधित करते हुए कहा, 'मेरा मानना है कि टीएमसी के अभियान को बदनाम करने के लिए इस हमले के पीछे कुर्मी समुदाय के सदस्यों के भेष में भाजपा के कुछ बदमाश हैं.'
उन्होंने कुर्मी समुदाय के नेताओं से हमले को लेकर 48 घंटे के भीतर बयान देने की मांग की. अभिषेक ने कहा, 'मैं कुर्मी समुदाय के नेताओं को 48 घंटे का अल्टीमेटम दे रहा हूं. उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे इस घटना के पीछे थे. यदि वे बयान नहीं देते हैं, तो यह साबित होगा कि वे इसके पीछे थे और फिर कानून अपनी कार्रवाई करेगा.' अभिषेक ने टीएमसी कार्यकर्ताओं से शांति बनाए रखने और किसी भी तरह के उकसावे में नहीं आने को कहा.
उन्होंने कहा, 'जब मैं बांकुरा में था, तो कुर्मी समुदाय के नेता मुझसे मिलने आए. मैंने उनसे बात की और उनसे कहा कि मैं उनकी लोकतांत्रिक मांगों का समर्थन करता हूं. लेकिन आज जो हुआ, वह अस्वीकार्य है. और हैरानी की बात यह है कि प्रदर्शनकारी ‘जय श्रीराम’ के नारे लगा रहे थे.' अभिषेक के आरोपों को खारिज करते हुए भाजपा ने कहा कि किसी भी तरह से उसके सदस्य हिंसा में शामिल नहीं थे. भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने कहा, 'विरोध-प्रदर्शन टीएमसी के खिलाफ लोगों के गुस्से को दर्शाता है.'
वहीं, घटना की निंदा करते हुए हांसदा ने कहा कि हिंसा कभी भी लोकतांत्रिक विरोध का रूप नहीं हो सकती. उन्होंने कहा, 'यह किसी समुदाय के अधिकारों की लड़ाई कभी नहीं हो सकती. जिन लोगों ने पत्थर फेंके वे सभी बाहरी हैं, और हिंसा को सही ठहराने के लिए एक विशिष्ट समुदाय के सदस्य होने का दावा कर रहे हैं.' कुर्मी समुदाय के सदस्यों ने मंगलवार को बांकुरा में अभिषेक से मुलाकात की थी और उनसे एसटी का दर्जा देने की उनकी मांग पर गौर करने का आग्रह किया था.
डायमंड हार्बर के टीएमसी सांसद ने उन्हें धैर्यपूर्वक सुना और कहा कि उनकी मांगों के लिए लोकतांत्रिक विरोध-प्रदर्शन करना उचित था. पश्चिम मेदिनीपुर के खड़गपुर में पिछले सप्ताह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष के घर में कुर्मी संगठन के सदस्यों द्वारा समुदाय के खिलाफ उनकी टिप्पणियों को लेकर कथित तौर पर तोड़फोड़ की गई थी.
ये भी पढ़ें- Teacher Recruitment Case: कुंतल घोष की नए सिरे से हिरासत में लेने के लिए विचार कर रही सीबीआई
कुर्मी समुदाय को वर्तमान में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इस समुदाय ने अप्रैल में दक्षिण दिनाजपुर, पुरुलिया, झारग्राम और पश्चिम मेदिनीपुर सहित राज्य के विभिन्न जिलों में एसटी दर्जे की मांग को लेकर कई दिनों तक विरोध-प्रदर्शन किया था. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि टीएमसी नेतृत्व को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि राज्य में इस तरह के विरोध-प्रदर्शन क्यों हो रहे हैं. चक्रवर्ती ने आरोप लगाया कि कई मुद्दों को लेकर लोगों में गुस्सा है। उन्होंने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद इस तरह के विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं.'
(पीटीआई-भाषा)