नई दिल्ली:भाजपा के कुछ सांसदों और विधायकों सहित पश्चिम बंगाल के एक दर्जन से अधिक भाजपा नेताओं के तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बाद फिलहाल टीएमसी ने नए नेताओं के पार्टी में शामिल होने पर रोक लगा दी है. इन नेताओं के शामिल होने पर निर्णय कोर ग्रुप में चर्चा के बाद लिया जाएगा. बता दें कि कोर ग्रुप में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी शामिल हैं. बताया जा रहा है कि भाजपा के दर्जन भर नेता टीएमसी में शामिल होने के लिए प्रतीक्षा सूची में हैं.
इस संबंध में टीएमसी के करीबी सूत्रों ने बताया कि कम से कम भाजपा के चार सांसद और सात विधायक पार्टी बदलना चाहते हैं, लेकिन टीएमसी ने अभी दरवाजे बंद कर रखे हैं. पार्टी के भीतर विश्लेषण और चर्चा के बाद ही उन्हें पार्टी में शामिल किया जाएगा. 2021 के विधानसभा चुनावों के बाद से भाजपा लगातार राज्य में चुनाव में हार रही है, वहीं ममता बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी ने लगातार तीसरी बार विधानसभा चुनावों में जीत का परचम लहराया था. हालांकि राज्य विधानसभा में 77 सीटों के साथ भाजपा मुख्य विपक्षी दल बनने में सफल रही, लेकिन अब यह संख्या घटकर 70 हो गई है. वहीं बाबुल सुप्रियो और अर्जुन सिंह के टीएमसी में शामिल होने के बाद राज्य में भाजपा सांसदों की संख्या 16 हो गई है.
इतना ही नहीं 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने 40% वोट हासिल करने के साथ 42 में से 18 सीटें जीतीं थीं, लेकिन 2021 के विधानसभा चुनावों में भाजपा का प्रदर्शन उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा, वहीं पार्टी वोट प्रतिशत भी घटकर 38 रह गया. 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद भाजपा छोड़कर टीएमसी में शामिल होने वालों में मुकुल रॉय पहला बड़ा नाम था. वहीं उनके बेटे और विधायक शुभ्रांशु रॉय ने भी एक महीने बाद टीएमसी का दामन थाम लिया था.