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केंद्र ने प.बंगाल के मुख्य सचिव को वापस दिल्ली बुलाया - West bengal chief secretary transferred to delhi

केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अल्पन बंदोपाध्याय को वापस बुलाया. केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने राज्य सरकार को कहा कि जल्द से जल्द उन्हें रिलीव किया जाए. 31 मई तक बंदोपाध्याय को रिपोर्ट करने को कहा गया है.

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अल्पन बंदोपाध्याय

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Published : May 28, 2021, 10:20 PM IST

Updated : May 29, 2021, 1:28 AM IST

नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अल्पन बंदोपाध्याय को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया गया है. एक जून को उन्हें दिल्ली रिपोर्ट करना है. इस बाबत केंद्रीय कार्मिक विभाग ने चिट्ठी जारी कर दी है.

आपको बता दें कि आज पीएम नरेंद्र मोदी ने प. बंगाल में तूफान प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया था. इसके बाद राज्य के अधिकारियों के साथ बैठक थी. लेकिन बैठक में मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव आधे घंटे की देरी से पहुंची. उसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी मांग रखकर वहां से रवाना हो गईं. इस बैठक में प. बंगाल भाजपा के नेता शुभेंदु अधिकारी भी शामिल थे.

प.बंगाल के मुख्य सचिव को दिल्ली ट्रांसफर किया गया

केंद्र ने साथ ही अधिकारी को सोमवार को दिल्ली में रिपोर्ट करने का निर्देश भी दिया. पश्चिम बंगाल काडर के 1987 बैच के आईएएस अधिकारी बंदोपाध्याय 60 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद 31 मई को सेवानिवृत्त होने वाले थे। हालांकि, केंद्र से मंजूरी के बाद उन्हें तीन महीने का सेवा विस्तार दिया गया.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बंदोपाध्याय को कोविड-19 महामारी से निपटने के उनके अनुभव को देखते हुए कम से कम छह महीने का सेवा विस्तार देने का आग्रह किया था.

राज्य सरकार को भेजे एक पत्र में कार्मिक मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (काडर) नियम, 1954 के प्रावधानों के अनुसार बंदोपाध्याय की सेवाओं को भारत सरकार में शामिल करने को तत्काल प्रभाव से मंजूरी दे दी है.

इसमें राज्य सरकार को तत्काल प्रभाव से अधिकारी को कार्यमुक्त करने के लिए कहते हुए, बंदोपाध्याय को 31 मई को सुबह 10 बजे तक कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, नॉर्थ ब्लॉक, नयी दिल्ली को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है.

केंद्र के आदेश ने तृणमूल कांग्रेस को नाराज कर दिया और पार्टी ने कहा कि बंदोपाध्याय की सेवाएं मांगने का निर्णय इसलिए आया क्योंकि राज्य के लोगों ने मुख्यमंत्री को भारी जनादेश दिया है.

तृणमूल कांग्रेस सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने इसे मुख्य सचिव की जबरन केंद्रीय प्रतिनियुक्ति करार दिया और सवाल किया, क्या ऐसा आजादी के बाद से कभी हुआ है? किसी राज्य के मुख्य सचिव की जबरन केंद्रीय प्रतिनियुक्ति? मोदी-शाह की भाजपा और कितना नीचे गिरेगी?

तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि यह फैसला ममता बनर्जी के सच्चे सिपाही बंदोपाध्याय के अच्छे काम को पटरी से उतारने के लिए लिया गया है.

पढ़ें - नड्डा ने ममता बनर्जी पर संवैधानिक मर्यादाओं को तार-तार करने का आरोप लगाया

घोष ने कहा, 'ऐसे समय में जब बंगाल कोविड महामारी और चक्रवात यास से हुई तबाही का सामना कर रहा है, केंद्र सरकार राज्य के लोगों को और परेशान करने की कोशिश कर रही है। वे बंगाल के लोगों के दुश्मन की तरह काम कर रहे हैं.'

यह आदेश ऐसे दिन आया है जब प्रधानमंत्री ने 'यास' चक्रवात से हुए नुकसान की समीक्षा के लिए ओडिशा और पश्चिम बंगाल राज्यों का दौरा किया.

बनर्जी ने प्रधानमंत्री के साथ कलाईकुंडा एयरबेस पर एक संक्षिप्त बैठक की जहां उन्होंने चक्रवात के बाद की स्थिति को लेकर एक ज्ञापन सौंपा.

Last Updated : May 29, 2021, 1:28 AM IST

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