नई दिल्ली :एक तरफ कोरोना को लेकर देश में हाहाकार मचा हुआ है वहीं दूसरी तरफ केंद्र में सत्ताधारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता लगातार पश्चिम बंगाल में बड़ी-बड़ी रैलियां और रोड शो में भीड़ इकट्ठा कर रहे हैं. यही नहीं चुनाव आयोग की चेतावनी के बावजूद इतनी बड़ी संख्या में मौजूद भीड़ में ज्यादातर कार्यकर्ता और जनता बगैर मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के ही नजर आ रहे हैं.
कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में चुनावी रैलियां रद्द करने का फैसला किया और टीएमसी ने रैलियों की संख्या में कटौती का ऐलान किया. तृणमूल अब कोलकाता शहर में एक भी रैली नहीं करेगी. क्योंकि टीएमसी का मानना है कि बड़ी रैलियां चुनावी रैलियों में कोरोना के लिए सुपर स्प्रेडर का काम कर रही है. जबकि भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष गृह मंत्री और प्रधानमंत्री के साथ तमाम वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों और नेताओं की रैलियां बदस्तूर जारी हैं.
पार्टी के विश्वस्त सूत्रों की मानें तो अंतिम के तीन चरणों की सीटें बीजेपी के लिए काफी कठिन हैं और पार्टी इसमें कोई कसर नही छोड़ना चाहती. यही नहीं पार्टी की अंदरखाने रणनीति है कि विपक्ष यदि रैलियों पर सवाल उठाए तो उसे चुनाव आयोग के भरोसे छोड़ दें. यही वजह हैंकि भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस की रैलियों को रद्द करने की घोषणा पर कटाक्ष करते हुए यहां तक कहा कि राहुल गांधी को हार का बहाना मिल गया.