कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बोगतुई गांव में हुई हत्याओं के सिलसिले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) रामपुरहाट-1 के प्रखंड अध्यक्ष अनारुल हुसैन को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इलाके में संभावित अशांति के बारे में स्थानीय लोगों की आशंका पर ध्यान नहीं देने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें गिरफ्तार करने का निर्देश दिया था. अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश देने के कुछ ही घंटों के भीतर पुलिस ने हुसैन को जिले के तारापीठ से गिरफ्तार कर लिया.
अधिकारी ने कहा कि हुसैन के आवास सहित जिले के विभिन्न हिस्सों में तलाशी ली गई, जिसके बाद उन्हें तारापीठ से पकड़ा गया. उन्होंने कहा कि पुलिस ने हुसैन के मोबाइल फोन टावर लोकेशन का पता लगाया जिसके बाद हुसैन को एक होटल के पास से पकड़ा गया. उन्होंने कहा कि स्थानीय टीएमसी नेता से उस घटना के बारे में पूछताछ की जाएगी जिसमें मंगलवार को आठ लोगों को जिंदा जला दिया गया था.
इस बीच रामपुरहाट थाना प्रभारी तृदिब प्रमाणिक को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि रामपुरहाट हिंसा मामले के संदिग्धों के आत्मसमर्पण ना करने पर उन्हें ढूंढकर गिरफ्तार किया जाएगा और पुलिस यह सुनिश्चित करेगी उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिले. बनर्जी ने पीड़ित परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरी देने का वादा भी किया. मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये देने और क्षतिग्रस्त मकानों के पुनर्निर्माण के लिए दो-दो लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा भी की. उन्होंने कहा कि घायलों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे.
बनर्जी ने कहा कि पुलिस को पूरे बंगाल में अवैध आग्नेयास्त्रों और बमों के गुप्त जखीरों का पता लगाने का आदेश भी दिया गया है. गौरतलब है कि बीरभूम जिले के रामपुरहाट कस्बे के पास बोगतुई गांव में मंगलवार को तड़के कुछ घरों में कथित तौर पर आग लगा देने से दो बच्चों सहित आठ लोगों की झुलसकर मौत हो गई थी. माना जा रहा है कि यह घटना सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के पंचायत अधिकारी की हत्या के प्रतिशोध स्वरूप हुई थी.
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