नई दिल्ली: उत्तर भारत में हुई बारिश से तमाम जनजीवन प्रभावित है. देश के कई राज्यों में अभी बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. हिमाचल के हालात बद से बदतर हो चुके हैं, अब तक यहां बारिश से तकरीबन 45 लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है. हिमाचल में 70 मकान अब तक बारिश नामी इस आफत से तबाह हुए हैं. हिमाचल प्रदेश में 133 सड़कों को बंद करने के साथ-साथ हवाई उड़ान और ट्रेनें भी बाधित हैं. हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में ब्यास नदी के तेज बहाव में औट-बंजार को जोड़ने वाला एक पुल बह गया.
दिल्ली में खतरे के निशान से ऊपर यमुना
दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर भी काफी बढ़ रहा है और इसके मंगलवार को खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर जाने की पूरी उम्मीद है. केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के बाढ़ निगरानी पोर्टल के मुताबिक, ओल्ड रेलवे ब्रिज पर यमुना का जलस्तर रविवार दोपहर एक बजे 203.18 मीटर था, जबकि खतरे का स्तर 204.5 मीटर है. सीडब्ल्यूसी ने कहा कि मंगलवार को सुबह 11 बजे से एक बजे के बीच जलस्तर 205.5 मीटर तक बढ़ने की पूरी संभावना है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, दिल्ली में रविवार सुबह साढ़े आठ बजे समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि में 153 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो 1982 के बाद से जुलाई में एक दिन में सर्वाधिक बारिश है. चंडीगढ़ और अंबाला में रिकॉर्ड क्रमश: 322.2 मिलीमीटर और 224.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. दिल्ली में यमुना नदी के पास स्थित निचले इलाके बाढ़ के लिहाज से संवेदनशील माने जाते हैं और वहां करीब 37,000 लोग रहते हैं.
उत्तराखंड में भूस्खलन के कारण रास्ते बंद
उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले के मुनि की रेती इलाके में रविवार सुबह केदारनाथ से लौट रही एक जीप भूस्खलन (Landslide) की चपेट में आकर अनियंत्रित होकर गंगा नदी में गिर गई, जिससे उसमें सवार तीन श्रद्धालु डूब गए. देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारी बारिश के कारण होने वाले भूस्खलन और नदी-नालों में उफान के मद्देनजर सतर्कता बरतने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि मौसम खराब होने तथा अतिवृष्टि से राज्य में भूस्खलन, मार्ग बंद होने की घटनाएं होती हैं तथा नदी-नाले उफान पर होते हैं जिसके मद्देनजर सभी जिलाधिकारियों और आपदा प्रबंधन विभाग को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं.
चंडीगढ़ की कॉलोनियों में चल रही नाव
कल से लगातार हो रही बारिश से चंडीगढ़ समेत पंजाब पानी से भर गया है. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं. इन निर्देशों के चलते प्रदेश भर के सभी जिला प्रशासनिक टीमें अलर्ट मोड पर हैं. चंडीगढ़ में सुखना झील का जलस्तर बढ़ने के कारण फ्लड गेट खोलने पड़े, वहीं स्थिति नियंत्रण से बाहर होने के कारण एनडीआरएफ की टीम को मोहाली बुलाया गया है. मुख्य सड़कें और चौराहे पानी से भर गए हैं और पानी घरों के अंदर तक पहुंच गया है. मोहाली एयरपोर्ट रोड के पास गोपाल स्वीट्स के पास का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें गाड़ियों को पानी में फंसा हुआ देखा जा सकता है.
हिमाचल में बारिश का कहर
हिमाचल प्रदेश के कांगडा जिले में भारी बारिश के कारण सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं. यहां परिवहन में काफी दिक्कत आ रही है और जो भी लोग इन सड़कों से गुजर रहे हैं उन्हें भी काफी डर सता रहा है कि ना जाने कब कौन सी सड़क टूट जाए. इन सड़कों की हालत देख कर लगता है कि यह कभी भी टूट कर गिर सकती हैं.
बह गई कारें
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू के कसोल इलाके में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ में कई कारें बहती हुई नजर आ रही हैं. हिमाचल में भी रेड अलर्ट जारी किया गया और यहां से काफी भयावह तस्वीरें सामने आ रही हैं.
एलजी मनोज सिन्हा ने किया दौरा
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आज जीरो ब्रिज का दौरा किया और बाढ़ प्रबंधन की समग्र तैयारियों की समीक्षा करने के लिए सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों के साथ बातचीत की. एलजी सिन्हा ने अधिकारियों को जल स्तर की लगातार निगरानी करने और वास्तविक समय में सभी एजेंसियों को प्रारंभिक चेतावनी प्रसारित करने का निर्देश दिया.
आतिशी सड़कों पर उतरीं
दिल्ली में आप सरकार की मंत्री आतिशी भारी बारिश के कारण सड़कों पर जमा पानी का जायजा लेने सड़कों पर उतरीं. उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटे में 150 मिमी से ज्यादा बारिश हुई. 40 साल का रिकॉर्ड टूट गया है. अब हम 150 मिमी बारिश के लिए सभी जरूरी इंतजाम कर रहे हैं. मैं सुबह से सड़कों पर हूं, सभी मंत्री सुबह से ही फील्ड पर हैं.
मान सरकार ने घर से नहीं निकलने की दी सलाह
पंजाब के रोपड़, पटियाला, फतेहगढ़ साहिब, संगरूर और फिरोजपुर जिलों में पिछले 24 घंटों से हो रही भारी बारिश और नदियों के उफान के कारण बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है, जिससे धान की नई फसल को नुकसान पहुंच रहा है. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और जिला प्रशासन को शामिल कर बाढ़ बचाव कार्यों को तैनात किया गया है। भारतीय सेना को भी अलर्ट पर रखा गया है.सबसे अधिक प्रभावित गांव मौसमी घग्गर नदी के किनारे स्थित हैं. ये नदी पटियाला और संगरूर जिलों से होकर गुजरती हैं. दोनों जिले 1988, 1993 और 2010 में नदी में बाढ़ के कारण प्रभावित हुए थे.
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सभी कैबिनेट मंत्रियों विधायकों और अधिकारियों को गंभीर संकट की इस घड़ी में अपने-अपने क्षेत्रों में रहने और जरूरतमंद लोगों तक पहुंचने के लिए कहा है। मुख्यमंत्री व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी कर रहे हैं.मान ने कहा कि निचले इलाकों, खासकर नदियों के आसपास के इलाकों में पहले ही अलर्ट जारी कर दिया गया है और लोगों को तब तक घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए जब तक कोई जरूरी काम न हो.उन्होंने कहा कि राज्य भर में लगातार बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है, लेकिन सरकार स्थिति पर नियमित नजर रख रही है.
असम में पहले से ही बाढ़ की स्थिति
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा रविवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य के पांच जिले (बिश्वनाथ, धेमाजी, जोरहाट, लखीमपुर और शिवसागर) पिछले 24 घंटों में बाढ़ की चपेट में हैं. इन पांच जिलों में राजस्व मंडल अधिकारी के कार्यालयों के तहत कुल 111 गांव बाढ़ के कारण प्रभावित हुए हैं. आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में बिश्वनाथ, जोरहाट, लखीमपुर और शिवसागर जिलों में कुल 17 राहत शिविर सक्रिय हैं, जबकि पिछले 24 घंटों में 18,268 विभिन्न पशुधन प्रभावित हुए हैं. गौरतलब है कि दिसांग नदी और ब्रह्मपुत्र फिलहाल खतरे के निशान से ऊपर हैं. इस बीच, बिश्वनाथ, धेमाजी, जोरहाट, लखीमपुर और शिवसागर जिलों में बाढ़ के कारण कुल 34933 लोग प्रभावित हुए हैं. इसमें 16,586 पुरुष, 13,551 महिलाएं और 4,796 बच्चे शामिल हैं. इसके साथ ही इन पांच जिलों में बाढ़ के कारण 1068.40 हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुई है.
अमित शाह ने लिया जायजा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को पंजाब और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से बात की और भारी बारिश से हुए नुकसान के बारे में अपडेट लिया. गृह मंत्री ने दोनों राज्यों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. इससे पहले रविवार को अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना से भी बात की और अपडेट लिया.
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