नई दिल्ली:देशभर के लगभग सभी राज्यों में बारिश का दौर शुरू हो गया है. नदी-नाले उफान पर आ गये हैं, जिससे लोगों को बाढ़ का डर सताने लगा है. उत्तराखंड और हिमाचल की बात करें तो पहाड़ जगह-जगह दरकने लगे हैं, जिससे कई रास्ते बंद हो गए हैं. खराब मौसम की वजह से अमरनाथ और चारधाम यात्रा पर भी असर पड़ा है. बाद करें, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की तो यहां कुछ हिस्सों में शनिवार तड़के बारिश हुई, जिससे यह पुष्टि हो गई कि दक्षिण-पश्चिम मानसून राष्ट्रीय राजधानी में सक्रिय हो गया है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार को अपने दैनिक पूर्वानुमान में कहा था कि अगले चार से पांच दिनों में उत्तर भारत में भारी बारिश होने की संभावना है. आईएमडी ने एक बयान में कहा था कि अगले चार से पांच दिनों तक उत्तर भारत में भारी बारिश होगी. सक्रिय मानसून का असर अन्य राज्यों में भी देखा जाएगा. ऐसे में मौसम विभाग ने उत्तर के लोगों से भारी वर्षा के प्रति आवश्यक सावधानी बरतने के लिए चेताया था. आईएमडी ने जम्मू, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश में 8 से 9 जुलाई तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है.
केरल में भारी बारिश का अलर्ट:इसके साथ ही आईएमडी ने केरल के कुछ जिलों के लिए येलो अलर्ट भी जारी किया है. खबर है कि केरल के कोट्टायम में रात भर हुई बारिश से शहर के विभिन्न आवासीय इलाकों में पानी भर गया. आईएमडी ने केरल के मलप्पुरम, कोझिकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड जिलों में पीला अलर्ट जारी किया गया है.
स्काईमेट वेदर के अनुसार मानसून जैसलमेर, अजमेर, गुना, सतना, डाल्टनगंज, जमशेदपुर और दीघा से होकर दक्षिणपूर्व की तरफ उत्तर पूर्व बंगाल की खाड़ी तक गुजर रहा है. गंगीय पश्चिम बंगाल और इससे सटे उत्तरी ओडिशा के हिस्सों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है. यह ऊंचाई के साथ दक्षिण की ओर झुकते हुए औसत समुद्र तल से 7.6 किमी ऊपर तक फैला हुआ है. एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उत्तर पूर्वी अरब और इससे सटे दक्षिणी गुजरात पर है.