नयी दिल्ली/शिमला:उत्तर पश्चिमी भारत को प्रभावित करने वाले एक मजबूत पश्चिमी विक्षोभ के कारण अगले दो दिनों तक राजधानी में बादल छाए रहने और हल्की बारिश की भविष्यवाणी की गई है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को यह जानकारी दी. राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को सुबह घना कोहरा छाया रहा, जिससे दृश्यता घटकर 50 मीटर रह गई और सड़क, रेल एवं हवाई यातायात प्रभावित हुआ. आईएमडी के एक अधिकारी ने बताया कि पंजाब से लेकर हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार तक घने से बहुत घने कोहरे की परत छाई रही.
देशभर की बात करें तो स्काईमेट वेदर के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान, जम्मू कश्मीर के ऊपरी इलाकों में हल्की बारिश और हिमपात हुआ. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की बारिश हुई. पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में घना कोहरा छाया रहा. पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में घना से बहुत घना कोहरा छाया रहा. पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में कोल्ड डे की स्थिति देखी गई. उत्तर पश्चिम और मध्य भारत के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान में वृद्धि हुई है जिससे शीतलहर की स्थिति में कमी आई है.
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स्काईमेट वेदर के मुताबिक अगले 24 घंटों के दौरान, गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, लद्दाख, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश और हिमपात के साथ एक दो स्थानों पर भारी हिमपात संभव है. उत्तराखंड के ऊपरी इलाकों में हल्की बारिश और हिमपात संभव है. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में एक या दो मध्यम बारिश हो सकती है. उत्तर पश्चिमी मध्य और पूर्वी भारत का न्यूनतम और अधिकतम तापमान और बढ़ सकता है. देश के अधिकांश हिस्सों से शीत लहर की स्थिति समाप्त हो सकती है.
पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में घना से बहुत घना कोहरा छा सकता है. आईएमडी के मुताबिक, दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास स्थित पालम वेधशाला में दृश्यता 50 मीटर दर्ज की गई. रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि कोहरे के कारण 95 ट्रेन देरी से चल रही हैं. पंजाब और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में कोल्ड डे की स्थिति बनी रह सकती है. पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में घना कोहरा छा सकता है.
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वहीं, दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड ने ट्वीट किया कि इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कम दृश्यता में उड़ानों का परिचालन जारी रखने के लिए जरूरी प्रक्रिया चल रही है. यात्रियों को उड़ानों के संबंध में अद्यतन जानकारी के लिए संबंधित विमानन कंपनी से संपर्क करने की सलाह दी गई है.
मौसम कार्यालय के अनुसार, दृश्यता जब शून्य से 50 मीटर के बीच रह जाती है तो उस समय 'बहुत घना' कोहरा होता है. वहीं, 51 से 200 मीटर के बीच दृश्यता की स्थिति में 'घना', 201 से 500 मीटर के बीच 'मध्यम' और 501 से 1,000 मीटर के बीच दृश्यता की स्थिति में 'हल्का' कोहरा होता है. राष्ट्रीय राजधानी के प्रमुख मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला में न्यूनतम तापमान 5.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. आईएमडी के मुताबिक, दिल्ली में गुरुवार को आसमान में बादल छाए रहने और हल्की बारिश होने के आसार हैं. हालांकि, शहर में न्यूनतम तापमान बढ़कर नौ डिग्री सेल्सियस पर पहुंच सकता है.
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विभाग का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव समाप्त होने और बर्फ से ढके पहाड़ों से आने वाली ठंडी उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण आगामी दिनों में उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में फिर से शीतलहर चलने का अनुमान है. आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में पांच जनवरी से नौ जनवरी तक भीषण शीतलहर देखी गई, जो एक दशक में महीने में दूसरी सबसे लंबी अवधि है. आईएमडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस महीने अब तक 50 घंटे से अधिक घना कोहरा दर्ज किया गया है, जो 2019 के बाद सबसे अधिक है.
मौसम विभाग ने शिमला में हिमपात का अनुमान जताया, होटलों में व्यस्तता बढ़ने की संभावना:मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में शिमला की मध्य और ऊंची पहाड़ियों में ताजा हिमपात की भविष्यवाणी की है, जिससे शहर और उपनगरों के होटलों में व्यस्तता बढ़ने की उम्मीद है. होटल व्यवसायियों का कहना है कि उनके होटलों में पर्यटकों के ठहरने की दिलचस्पी बढ़ गई है. शिमला होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष प्रिंस कुकरेजा ने कहा कि हम हिमपात के बारे में सवालों से भर गए हैं क्योंकि पर्यटक अपनी यात्रा की योजना पहले से बनाना चाहते हैं. व्यवसाय में लगभग 60-70 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है.
पर्यटन उद्योग हितधारक संघ के अध्यक्ष एम. के. सेठ ने कहा कि जनवरी में हिमपात के बाद औसत पर्यटकों की संख्या 30-40 प्रतिशत से बढ़कर 60-70 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना है. स्थानीय मौसम कार्यालय ने शिमला शहर में हिमपात की भविष्यवाणी के अलावा, गुरुवार और शुक्रवार को मध्य और ऊंची पहाड़ियों में हल्की से मध्यम हिमपात और निचली पहाड़ियों में बारिश का अनुमान लगाया है.