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राजस्थान में आसमानी 'आफत' पर अलर्ट, अब तक 23 की मौत, करोड़ों का नुकसान

राजस्थान में तेज बरसात और आंधी के साथ आए तूफान की वजह से 23 लोगों की मौत की खबर सामने आई थी. इनमें सबसे ज्यादा 12 लोगों की मौत टोंक जिले में हुई है.

Weather disturbance side effects
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Published : May 30, 2023, 1:49 PM IST

Updated : May 30, 2023, 6:57 PM IST

राजस्थान के कई जिलों में कहर बरपा रहा मौसम

जयपुर. राजस्थान में तूफानी हवाओं के साथ आ रही बारिश का कहर बीते एक हफ्ते से बरकरार है. एक बार फिर मौसम विभाग ने 5 जिलों में भारी बरसात को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. वहीं, 21 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग का अनुमान है कि ऑरेंज अलर्ट वाले जिलों में 40 से लेकर 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती है.

जयपुर मौसम केंद्र के डायरेक्टर राधेश्याम शर्मा के मुताबिक पश्चिमी राजस्थान में बीकानेर, जोधपुर के अलावा जयपुर, अजमेर, कोटा और भरतपुर में कुछ इलाकों में तेजी के साथ बरसात होने की संभावना है. बरसात के साथ इन इलाकों में मेघ गर्जन और बिजली भी गिर सकती है. लगातार मौसम विभाग और प्रशासन इस सिलसिले में लोगों को अलर्ट जारी कर सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील भी कर चुका है.

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गौरतलब है कि पश्चिमी राजस्थान के आसपास के इलाके में परिसंचरण तंत्र बना हुआ है, जिसके चलते तेज हवाओं के साथ बरसात की संभावना बरकरार रहेंगी. इससे पहले राजस्थान के अलग-अलग इलाकों में बदले मौसम के बीच 23 मौत हो चुकी है. वहीं, करोड़ों का नुकसान भी हो चुका है.

इन जिलों में है बरसात का कहर : राजस्थान में तेज बरसात और आंधी के साथ आए तूफान की वजह से 23 लोगों की मौत की खबर सामने आई थी. इनमें सबसे ज्यादा 12 लोगों की मौत टोंक जिले में हुई है. इसके बाद जयपुर में तीन, जैसलमेर में दो, झुंझुनू में एक, नागौर में एक, सिरोही में एक, बीकानेर में एक, सवाई माधोपुर में एक व्यक्ति की मौत हुई है. अलवर में भी इस तूफान से एक व्यक्ति ने दम तोड़ दिया.

बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित टोंक जिला

राजस्थान में बीते दिनों आई प्राकृतिक आपदा से हुई मौतों और पशुधन के नुकसान की खबरों के बाद भारतीय जनता पार्टी ने सत्ताधारी कांग्रेस सरकार से नुकसान का आकलन कर जल्द से जल्द मुआवजे की मांग की थी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी आंधी तूफान में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के लिए पांच-पांच रुपए की सहायता राशि का ऐलान किया था. बीते शनिवार को मुख्यमंत्री गहलोत ने ट्वीट करते हुए अलग-अलग इलाकों में आई इस आपदा से हुए नुकसान पर चिंता जाहिर करते हुए हर संभव मदद का भरोसा दिलाया था.

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सबसे ज्यादा प्रभावित टोंक जिला : राजस्थान में बीते हफ्ते आई प्राकृतिक आपदा में सबसे ज्यादा नुकसान टोंक जिले में हुआ था. जहां 12 लोगों की मौत के अलावा करीब 50 से ज़्यादा लोग हताहत हुए. जिले में 40 मिलीमीटर से ज्यादा बरसात दर्ज की गई. जिसके कारण करीब साढे़ तीन हजार कच्चे-पक्के मकानों को नुकसान की भी खबर सामने आई. जिले का टोडारायसिंह कस्बा और पीपलू गांव इस आपदा में सबसे ज्यादा प्रभावित रहा.

राजस्थान में आई इस प्राकृतिक आपदा से जोधपुर डिस्कॉम को 3 करोड रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ. प्रदेश भर में डेढ़ हजार के करीब बिजली के पोल टूट कर गिर गए. डूंगरपुर जिले में भी 100 से ज्यादा गांवों में अंधेरा छा गया. जैसलमेर जिले के लाठी कस्बे में पशु चराने गए दादा और पोते की मौत हो गई. जिसके बाद बीएसएफ के जवानों को जेसीबी की मदद से उन्हें हटाना पड़ा. जिले में पाकिस्तान से लगती रेगिस्तानी सरजमीन पर ओलों की सफेद चादर बिछ गई.

आंधी और बारिश से ढहा मकान

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सिरोही जिले में बड़े पैमाने पर पशुपालकों को नुकसान हुआ. वहीं, टीन शेड की चपेट में आने से झुंझुनू और सिरोही में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. जबकि श्रीगंगानगर जिले में 90 फीसदी के करीब कपास की फसल को इस आपदा के कारण नुकसान झेलना पड़ा. राजस्थान में तेज हवाओं का जोर इतना अधिक था कि नागौर जिला मुख्यालय पर एक मोबाइल टावर धराशाही होकर मकान पर गिर गया, तो बाड़मेर में भी टावर झुक गया. वहीं, पाली जिले में आंधी के कारण पटरियों पर खड़ी ट्रेन के वैगन ही पलट गए. मिली जानकारी के मुताबिक आंधी के कारण एक मालगाड़ी के कुछ कंटेनर प्लेटफॉर्म पर पलट गए. गनीमत थी कि घटना के समय मालगाड़ी रुकी हुई थी और प्लेटफॉर्म पर जहां कंटेनर गिरे, वहां किसी की आवाजाही नहीं थी. फिलहाल, मौसम विभाग की माने तो बीकानेर और जोधपुर संभाग के कुछ इलाकों में अधिक सतर्क रहने की जरूरत है.

Last Updated : May 30, 2023, 6:57 PM IST

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