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अमेरिकी राजदूत के रूप में एरिक गार्सेटी के नाम की पुष्टि का स्वागत करते हैं : विदेश मंत्रालय - US Ambassador to New Delhi

भारत ने अमेरिका के राजदूत के रूप में एरिक गार्सेटी की नियुक्ति का स्वागत किया है. एरिक गार्सेटी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के करीबी माने जाते हैं.

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Published : Mar 16, 2023, 7:30 PM IST

नई दिल्ली : भारत ने एरिक गार्सेटी के नई दिल्ली में अमेरिका के राजदूत के रूप में नामांकन की पुष्टि का स्वागत करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि वह अपने बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों को आगे ले जाने के लिए उनके साथ काम करने को आशान्वित है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के करीबी एरिक गार्सेटी भारत में अमेरिका के राजदूत होंगे. सीनेट ने उनके नामांकन की पुष्टि करते हुए करीब दो साल से खाली पड़े प्रमुख राजनयिक पद को भरने की राह साफ कर दी. इस बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाताओं से कहा, "भारत में अमेरिका के राजदूत के रूप में एरिक गार्सेटी के नामांकन की पुष्टि का हम स्वागत करते हैं. हम अपने बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों को आगे ले जाने के लिए उनके साथ काम करने को आशान्वित हैं." ज्ञात हो कि सीनेट ने 42 के मुकाबले 52 मतों से एरिक गार्सेटी के नामांकन की पुष्टि की. तीन डेमोक्रेटिक सदस्यों ने गार्सेटी का समर्थन नहीं किया.

हालांकि, रिपब्लिकन पार्टी के सात सदस्यों ने उनका साथ दिया, जिससे उनके नामांकन की पुष्टि संभव हो पाई. सीनेट की विदेशी संबंधों से जुड़े मामलों की समिति ने पिछले सप्ताह गार्सेटी के नामांकन को आठ के मुकाबले 13 मतों से मंजूरी दी थी. गार्सेटी (52) लॉस एंजिलिस के पूर्व मेयर हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने सबसे पहले उन्हें जुलाई 2021 में भारत में अमेरिकी राजदूत के पद के लिए नामित किया था. हालांकि, राष्ट्रपति के रूप में बाइडन के कार्यकाल के शुरुआती दो वर्ष में गार्सेटी के नामांकन को इसलिए मंजूरी नहीं मिल सकी, क्योंकि कुछ सांसदों ने उनकी नियुक्ति का विरोध किया था. भारत में अमेरिका के पिछले राजदूत केनेथ जस्टर ने जनवरी 2021 में अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के बाद इस पद से इस्तीफा दे दिया था.

गौरतलब है कि गार्सेटी को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का करीबी माना जाता है. बाइडन ने सबसे पहले उन्हें जुलाई 2021 में भारत में अमेरिकी राजदूत के पद के लिए नामित किया था. हालांकि, बाइडन के राष्ट्रपति कार्यकाल के शुरुआती दो वर्षों में गार्सेटी के नामांकन को इसलिए मंजूरी नहीं मिल सकी, क्योंकि कुछ सांसदों ने यह कहते हुए उनकी नियुक्ति का विरोध किया था कि वह मेयर रहने के दौरान अपने एक वरिष्ठ सलाहकार पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों से प्रभावी ढंग से निपटने में नाकाम रहे थे. बाइडन ने इस साल जनवरी में गार्सेटी को दोबारा इस पद के लिए नामित किया था. भारत में अमेरिका के पिछले राजदूत केनेथ जस्टर ने जनवरी 2021 में अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के बाद इस पद से इस्तीफा दे दिया था.

(पीटीआई-भाषा)

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