नई दिल्ली :सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ (Supreme Court Justice DY Chandrachud) और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना (Justice AS Bopanna) की पीठ ने एक याचिका पर सुनवाई की. जिसमें कोविड 19 टीकाकरण के बाद होने वाली मौतों और प्रतिकूल प्रभावों के लिए वैक्सीन पर आरोप लगाया गया था.
याचिकाकर्ता ने केंद्र से वैक्सीन लेने के 30 दिनों के भीतर होने वाली मौतों का रिकॉर्ड और जानकारी करने का निर्देश देने की मांग की थी. सीनियर एडवोकेट कॉलिन गोंजाल्विस ने अदालत के समक्ष कहा कि परिवारों ने रिपोर्ट करना शुरू कर दिया है और गूगल डॉक्स के अनुसार वैक्सीन लेने के बाद 9700 मौतें हुई हैं. जब याचिका दायर की गई तो तब तक देश भर में 9000 मौतें (9000 deaths across the country) हो चुकी हैं.
उन्होंने अदालत के समक्ष यह प्रस्तुत किया कि प्रारंभ में आशा कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं आदि को बताया गया कि टीकाकरण गांवों में भी होगा और उन्हें यह पता लगाना होगा कि किसी की मृत्यु हुई है या कोई प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है.
लेकिन अब संशोधित दिशा-निर्देश (Revised guidelines) सक्रिय निगरानी से निष्क्रिय निगरानी में स्थानांतरित हो गए हैं और अब संबंधित अधिकारी जमीन पर काम करने वालों के बजाय परिवार की शिकायतों पर भरोसा कर रहे हैं.