संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय सत्र को यहां संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि इस समय अफगानिस्तान के लोगों को मदद की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की महिलाओं और बच्चों, अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों को मदद की ज़रूरत है. हमें उन्हें यह सहायता प्रदान करके अपना कर्तव्य पूरा करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है कि अफगानिस्तान के क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने और आतंकवादी हमलों के लिए न हो.
प्रधानमंत्री मोदी ने किसी देश का नाम लिए बिना कहा कि हमें सतर्क रहने और यह सुनिश्चित करने की भी आवश्यकता है कि कोई भी देश वहां की नाजुक स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश न करे और इसे अपने स्वार्थ के लिए एक साधन के तौर पर इस्तेमाल न करे.
अगस्त में भारत की अध्यक्षता में राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा अफगानिस्तान पर अपनाए गए प्रस्ताव 2593 में आह्वान किया गया था कि अफगान क्षेत्र का इस्तेमाल किसी भी देश को धमकाने या हमला करने या आतंकवादियों को शरण देने अथवा प्रशिक्षित करने के लिए या आतंकवादी कृत्यों की योजना बनाने और वित्तपोषण के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
साथ ही यूएनएससी के संकल्प 1267 (1999) में नामित व्यक्तियों और संस्थाओं को शामिल करते हुए अफगानिस्तान में आतंकवाद का मुकाबला करने के महत्व को दोहराया और तालिबान की प्रासंगिक प्रतिबद्धताओं को इंगित किया गया.