मुंबई : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress president Mallikarjun Kharge) ने विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के घटक दलों के नेताओं का आह्वान कि वे आने वाने कुछ महीनों में प्रतिशोध की और कार्रवाई, छापेमारी तथा गिरफ्तारी के लिए तैयार रहें क्योंकि यह गठबंधन जमीन पर जितना मजबूत होगा, सरकार उसके खिलाफ कानून प्रवर्तन एजेंसियों का उतना ही ज्यादा दुरुपयोग करेगी. उन्होंने विपक्षी गठबंधन की तीसरी बैठक में यह आरोप भी लगाया कि भारतीय जनता पार्टी सभी एजेंसियों और संस्थाओं पर पूर्ण नियंत्रण चाहती है.
खड़गे ने कहा, 'हमारी पिछली दोनों बैठकों की सफलता इस आधार पर तय की जा सकती है कि प्रधानमंत्री ने अपने बाद के भाषणों में न केवल 'इंडिया' पर हमला किया है, बल्कि हमारे प्यारे देश के नाम की तुलना एक आतंकवादी संगठन और गुलामी के एक प्रतीक से की.'
उन्होंने कहा, 'हमें आने वाले महीनों में इस सरकार की प्रतिशोध की राजनीति के कारण होने वाले और हमलों, अधिक छापेमारी और गिरफ्तारियों के लिए तैयार रहना चाहिए.' उनका कहना था, 'हमारे गठबंधन को जितनी अधिक मजबूती मिलेगी, उतना ही अधिक भाजपा सरकार हमारे नेताओं के खिलाफ एजेंसियों का दुरुपयोग करेगी. उसने महाराष्ट्र, राजस्थान, बंगाल में भी ऐसा ही किया है. पिछले हफ्ते झारखंड और छत्तीसगढ़ में भी ऐसा किया गया था.'
खड़गे ने दावा किया, 'भाजपा एजेंसियों और संस्थानों पर पूर्ण नियंत्रण चाहती है. वह ईडी प्रमुख, सीबीआई निदेशक, चुनाव आयुक्तों या यहां तक कि देश भर की अदालतों के न्यायाधीशों की नियुक्ति को नियंत्रित करने पर अड़ी हुई है.' कांग्रेस नेता ने कहा कि पिछले 9 वर्षों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने जो सांप्रदायिक जहर फैलाया है, वह अब निर्दोष ट्रेन यात्रियों और निर्दोष स्कूली बच्चों के खिलाफ घृणा अपराधों के रूप में दिख रहा है.
उन्होंने मणिपुर में हुई घटना के परोक्ष संदर्भ में कहा, 'यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि जब देश के एक हिस्से में भयावह बलात्कार में शामिल लोगों को रिहा किया जाता है और सम्मानित किया जाता है, तो दूसरे हिस्से में भयावह अपराधों और महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाए जाने को बढ़ावा मिलता है. मोदी जी के भारत में करगिल युद्ध के वीर की पत्नी को भी नहीं बख्शा जाता.' खड़गे ने कुछ हालिया घटनाओं की पृष्ठभूमि में कहा, 'यह हाशिये पर पड़े लोगों के प्रति भाजपा सरकार की उदासीनता है जिसके कारण उनके नेता गरीब आदिवासियों और दलितों पर पेशाब करते हैं और दोषियों को खुलेआम घूमने के लिए छोड़ दिया जाता है.'