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मस्जिदों में लाउडस्पीकर पर हमने कोई नया आदेश नहीं दिया : बोम्मई - मस्जिदों में लाउडस्पीकर पर

हिजाब (Hijab Row) और हलाल मीट (Halal Row) के बाद अब कर्नाटक में मस्जिदों में लाउडस्पीकर (Loudspeakers In Mosques) को लेकर विवाद खड़ा होता दिख रहा है. कुछ संगठनों द्वारा मस्जिदों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग उठने के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Chief Minister Basavaraja Bommayi) ने कहा कि सरकार की नजर में सब बराबर हैं.

Chief Minister Basavaraja Bommayi
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई

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Published : Apr 5, 2022, 3:51 PM IST

बेंगलुरु: हिजाब (Hijab Row) और हलाल मीट (Halal Row) के बाद अब कर्नाटक में मस्जिदों में लाउडस्पीकर (Loudspeakers In Mosques) को लेकर विवाद खड़ा होता दिख रहा है. कुछ संगठनों द्वारा मस्जिदों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग उठने के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Chief Minister Basavaraja Bommayi) ने कहा कि सरकार की नजर में सब बराबर हैं. हम बिना किसी भेदभाव के काम करते हैं. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कानून-व्यवस्था से समझौता न हो. अजान विवाद पर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि हम संगठनों और एसोसिएशन के साथ बात करने के बाद अदालतों द्वारा दिए गए फैसले को लागू करेंगे. सीएम ने आरटी नगर स्थित आवास पर पत्रकारों से बातचीत कर इस मसले पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि कुछ समस्यों का समाधान बातों में नहीं हो सकता. उनके बारे में पहले से ही कई विचार हैं. ये विचार अतीत से आए हैं, कोई नई बात नहीं है. सभी पुराने आदेश हैं. हाईकोर्ट के आदेश भी पुराने हैं. हमने कोई नया आदेश नहीं दिया है. हम किसी भी कानून को ध्यान में रखे बिना शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं.

हम सब पर विश्वास करते हैं: अजान पर पहले से ही उच्च न्यायालय का आदेश है. सवाल है कि कोर्ट के आदेश पर अमल क्यों नहीं किया गया. अजान के लिए डेसिबल का मानक तय किया है. हम डेसिबल चेकिंग मशीन खरीदने और उच्च न्यायालय के आदेशों को चरणबद्ध तरीके से लागू करने पर काम कर रहे हैं. यह एक ऐसा काम है जिसे सभी को विश्वास में लेकर करने की जरूरत है. कई संगठनों के साथ हम पहले ही बैठकें कर चुके हैं, थाना स्तर से लेकर जिला स्तर तक हम बैठकें भी करेंगे और कार्रवाई करेंगे.

कुमारस्वामी के आरोप निराधार: मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी को राज्य सरकार के खिलाफ विरोध करने का अधिकार है. हालांकि, मैं निराधार आरोपों पर टिप्पणी नहीं करूंगा कि सरकार आरएसएस के रिमोट कंट्रोल के अधीन है. कुमारस्वामी ने कहा कि सरकार संघ परिवार के नियंत्रण में है. और वह 10 अप्रैल से इसका विरोध करेंगे. लेकिन, यह एक निराधार आरोप है. भाजपा एक राष्ट्रीय पार्टी है. कर्नाटक के लोगों का आशीर्वाद है.

तेलंगाना के मंत्री का ट्वीट हास्यास्पद: तेलंगाना के मंत्री केटी रामाराव का ट्वीट हास्यास्पद है. बेंगलुरु में देश ही नहीं पूरी दुनिया से निवेश आ रहा है. अधिकांश स्टार्टअप बैंगलोर में स्थित हैं. सबसे बड़ा विदेशी निवेश बैंगलोर में है. इसलिए, बेंगलुरु की हैदराबाद से और कर्नाटक की तेलंगाना से तुलना करना हास्यास्पद है. सीएम ने तेलंगाना के मंत्री केटी रामाराव के ट्वीट जिसमें उन्होंने हैदराबाद में व्यापारियों को आमंत्रित किया था के जवाब में बोल रहे थे.

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आज सीएम की दिल्ली यात्रा: बोम्मई ने कहा कि मैं दिल्ली जाऊंगा. शाम को मैं केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से राज्य की सिंचाई परियोजनाओं के बारे में बात करूंगा. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि वह मंत्रिमंडल विस्तार सहित राज्य के राजनीतिक मामलों पर चर्चा के लिए कल आलाकमान के नेताओं के साथ बैठक करेंगे. आरटी नगर स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वह गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ राज्य के मेकेदातु, महादई, कृष्णा मेलडांडे, भद्रा मेलदांडे और अन्य सिंचाई परियोजनाओं के बारे में चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा कि मैं परियोजना की बाधाओं, प्रशासनिक और तकनीकी पहलुओं और परियोजनाओं के समय पर पूरा होने पर चर्चा करना चाहता हूं.

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि मैं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिलूंगा. संगोलकी रायन्ना स्कूल को मिलिट्री स्कूल बनाने के बारे में बात करने की जरूरत है. इसलिए मैं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिलूंगा. मैं ऊर्जा मंत्री से मिलने की कोशिश कर रहा हूं. अभी इसका समय निश्चित नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि जहां भी संभव होगा बैठक आयोजित की जाएगी. मैंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के लिए भी समय मांगा है. हालांकि इनका समय निश्चित नहीं है. सीएम ने कहा कि समय तय हुआ तो मैं उनसे भी मिलूंगा. साथ ही आलाकमान की ओर से कैबिनेट विस्तार और पुनर्गठन के कोई संकेत नहीं मिले हैं. नड्डा और अमित शाह से मिलने के बाद ही इस पर भी चर्चा होगी.

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'धर्म की आजादी किसी के मूल अधिकार का हनन नहीं कर सकती': सुप्रीम कोर्ट ने साल 2000 में एक फैसला दिया था. मामला था चर्च ऑफ गॉड बनाम केकेआर मैजेस्टिक कॉलोनी वेलफेयर एसोसिएशन. इसमें चर्च पर आरोप था की वहां तेज आवाज में धार्मिक कार्यक्रम होते है, जिससे कॉलोनी के लोग परेशान है, इसलिए वहां से आने वाली आवाज को नियंत्रित किया जाए. सुप्रीम कोर्ट और मद्रास हाईकोर्ट ने फैसला दिया था कि आवाज नियंत्रित होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि धर्म की आजादी किसी के मूल अधिकार का हनन नहीं कर सकती, जो लोग आवाज नहीं सुनना चाहते उन्हें सुनने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता. ध्वनि को नियंत्रित करने के लिए हर राज्य के अलग-अलग कानून हैं. यहां तक की राज्य के अंदर अलग-अलग इलाकों के लिए ध्वनि नियंत्रण के अलग-अलग नियम हैं. रिहायशी और इंडस्ट्रियल इलाके के लिए अलग सीमा है, लेकिन इस नियम का पालन नहीं होता है. पुलिस और आम लोगों को भी जानकारी काम है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला: साल 2020 मई में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला दिया था कि अजान देना धार्मिक आजादी का अधिकार है, लेकिन माइक्रोफोन से अजान देना अधिकार नहीं है. इसलिए अजान बिना माइक के दी जानी चाहिए. कोर्ट ने कहा था कि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक किसी भी तरह का कार्यक्रम तेज आवाज में करने के लिए लोकल अधिकारी से इजाजत लेनी होगी. अधिकारी आवाज की सीमा तय कर सकता है. बिना इजाजत के तेज आवाज में कोई भी कार्यक्रम नहीं हो सकता.

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