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विशेष दर्जा वापस पाने के लिए हमें किसानों की तरह कुर्बानी देनी होगी : फारूक अब्दुल्ला

नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि नेशनल कांफ्रेंस ने लोगों से जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370, 35ए और राज्य का दर्जा वापस दिलाने का वादा किया है और वे अपने वादे को पूरा करने के लिए कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं.

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फारूक अब्दुल्ला

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Published : Dec 5, 2021, 5:05 PM IST

श्रीनगर :नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने अपने पिता और नेशनल कांफ्रेंस के संस्थापक शेख मुहम्मद अब्दुल्ला की 116वीं जयंती के अवसर पर श्रीनगर में युवा पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा है कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा देने वापस हासिल करने के लिए हमें भी किसानों की तरह कुर्बानी देनी होगी.

फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस ने लोगों से जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370, 35ए और राज्य का दर्जा वापस दिलाने का वादा किया है और वे अपने वादे को पूरा करने के लिए कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं.

उन्होंने कार्यकर्ताओं को कश्मीरी भाषा में संबोधित करते हुए कहा कि इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए हमें आपस में एकता और आम सहमति की जरूरत है.

फारूक अब्दुल्ला का बयान

उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के घाटी में पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पर्यटन ही सब कुछ नहीं है.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में 50,000 नौकरियां देने का दावा किया था, लेकिन इसके विपरीत युवाओं में बेरोजगारी बढ़ रही है.

नेशनल कांफ्रेंस अध्यक्ष ने कहा कि जम्मू-कश्मीर बैंक में अब स्थानीय युवाओं की जगह पंजाब और हरियाणा के लोगों की भर्ती की जा रही है. उन्होंने सवाल किया कि जम्मू-कश्मीर के युवा नौकरी के लिए कहां जाएंगे.

फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अगर राजनीतिक दल या मीडिया सरकार के इन कदमों पर आवाज उठाते हैं तो उन्हें दबाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हैदरपुरा में मारे गए रामबन के एक नागरिक का शव उसके परिवार को सौंप जाए.

पढ़ें - विधानसभा चुनाव से पहले जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करें : आजाद

ज्ञात हो कि नेशनल कांफ्रेंस के संस्थापक और जम्मू-कश्मीर के पूर्व प्रधानमंत्री शेख मुहम्मद अब्दुल्ला की आज 116वां जयंती है. इस मौके पर श्रीनगर के नसीम बाग स्थित शेख अब्दुल्ला की समाधि पर फतेहा ख्वानी का इंतजाम किया गया है, जहां उनके बेटे डॉ फारूक अब्दुल्ला सहित पार्टी के अन्य नेताओं ने शिरकत की और श्रद्धांजलि दी.

बता दे कि शेख अब्दुल्ला का जन्म पांच दिसंबर, 1905 को श्रीनगर के सूरा में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था.

शेख अब्दुल्ला ने अपना राजनीतिक जीवन 1930 में शुरू किया और 1946 में अब्दुल्ला द्वारा महाराजा के कश्मीर छोड़ो आंदोलन शुरू करने के बाद वह लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय हुए.

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