नई दिल्ली :भारत में कोविड 19 टीकाकरण प्रक्रिया पर साइबर हमले की पूरी संभावना है और इससे निपटने के लिए सरकार आवश्यक कदम उठा रही है. इस मामले में कोविड टीकाकरण के अधिकार प्राप्त समूह के अध्यक्ष आर एस शर्मा ने मंगलवार को कहा कि सरकार साइबर हमले से टीकाकरण की प्रक्रिया को सुरक्षित रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है.
उन्होंने कहा कि कोविन 1.0 की तरह कोविन 2.0 में भी कमी है. हम सिस्टम की स्केलेबिलिटी (scalability) की निगरानी कर रहे हैं.
शर्मा ने कहा कि साथ हम यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि साइबर हमलों से आवेदन सुरक्षित रहें, क्योंकि ऐसी घटनाएं होने की पूरी संभावना है.
शर्मा द्वारा दिए यह बयान उस समया आया है, जब हाल के हफ्तों में रिपोर्टों में सामने आया कि एक चीनी राज्य समर्थित हैकिंग समूह ने भारतीय दवा कंपनियों पर प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्राप्त करने के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) और भारत बायोटेक के आईटी सिस्टम को निशाना बनाया था.
हालांकि, शर्मा ने कहा कि कल सुबह से जब कोविन 2.0 पोर्टल का संचालन शुरू हुआ, तब से टीकाकरण के लिए 50 लाख से अधिक पंजीकरण पूरे हो चुके हैं और सिस्टम की खामियां ठीक हो गईं हैं.
उन्होंने बताया कि लगभग 26,000 से 27,000 अस्पताल (सार्वजनिक और निजी दोनों) 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और सह-रुग्णता से पीड़ित 45 से 59 वर्ष के बीच के आयु वर्ग के लोगों के लिए दूसरे चरण के टीकाकरण प्रक्रिया में शामिल हैं.
शर्मा ने कोविड 19 पर किए गए कार्यों, और अपडेट पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बताया कि दिल्ली, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना जैसे राज्य निजी अस्पतालों को अपनी स्वयं की स्वास्थ्य योजनाओं के साथ शामिल कर रहे हैं.
कोरोना के मामलों में हालिया उछाल पर बात करते हुए नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा कि लचस्प बात यह है कि इन चार राज्यों ने स्वास्थ्य पहल की अपनी प्रणाली लागू की है. उन्होंने बता कि इन राज्यों में सार्वजनिक सभा, शादी का सीजन और पार्टियां कोरोना मामलों में बढ़ोतरी का अहम कारण है.