रिषड़ा (प.बंगाल) : हुगली के रिषड़ा में रामनवमी के जुलूस के दौरान दो समूहों के बीच झड़प के बाद रविवार को पत्थरबाजी और आगजनी हुई थी. ईटीवी भारत ने स्थानीय लोगों से इस संबंध में बात की तो उनमें से अधिकांश ने चुप्पी साध ली, लेकिन उनकी प्रतिक्रियाओं से पता चला कि उनके पास कहने के लिए बहुत कुछ है. कुछ तो अपनी प्रतिक्रिया छिपाने के लिए वापस भी चले गए.
कांच और जले कपड़े बिखरे पड़े हैं दो गुटों के बीच झड़प के एक दिन बाद सोमवार को भी पूरे इलाके में कांच की बोतलें, जले हुए कपड़े, ईंट-पत्थर बिखरे पड़े थे. गली के दोनों तरफ खपरैल के घर हैं जिन पर खपरैल पर जलने के साफ निशान हैं. कई घरों के दरवाजों पर, दीवारों पर और खिड़कियों पर जलने के निशान हैं.
गौरतलब हो कि रविवार की रात रामनवमी के जुलूस के दौरान यहां भगदड़ मच गई थी. इसके बाद से पूरा इलाका शांत लेकिन तनावग्रस्त है. कई निवासियों ने आशंका में घरों से पलायन करना शुरू कर दिया है. जो चले गए हैं, वे अनिश्चित हैं कि वे फिर से कब वापस आ सकेंगे.
भाजपा ने मांगा ममता का इस्तीफा किस्मत से इलाके के एक निवासी ने तमाम आशंकाओं का सामना करते हुए कैमरे के सामने बोलने को हामी भर दी. उन्होंने कहा कि 'सोचा भी नहीं था कि ऐसा होगा. रामनवमी का जुलूस इलाके से गुजर रहा था. अचानक हमले शुरू हो गए. यह समझ नहीं आ रहा था कि कौन हमला कर रहा था और वे क्यों हमला कर रहे थे.'
उन्होंने कहा कि 'वहां रहने वालों ने केवल एक के बाद एक पेट्रोल बम दागे जाते देखे! ईंटें, पत्थर तेज से चल रहे थे, सभी जान बचाने के लिए भागने लगे! अधिकांश लोगों को किसी तरह घरों में घुसते और दरवाजे बंद करते देखा गया... निवासी पूरी रात भय से कांपते रहे.'
घटना के समय पुलिस बुलाई गई थी और इलाके में फोर्स भी भेजी गई थी लेकिन, स्थानीय लोग यह भी शिकायत कर रहे हैं कि इससे मदद नहीं मिली क्योंकि हमलावरों ने पुलिस को भी नहीं बख्शा. उन पर पेट्रोल बम फेंके गए! स्थानीय लोगों ने इस घटना के लिए एक स्थानीय पार्षद को आड़े हाथों लिया. प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि पार्षद के घर से ही पेट्रोल बम फेंके गए थे.
रविवार की घटना को लेकर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, लेकिन इस घटना ने कई सवालों को जन्म दे दिया है. निवासी इसके बारे में ज्यादा सोचना नहीं चाहते क्योंकि उन्होंने देखा है कि स्थिति खराब होने के दौरान कोई भी उनके साथ नहीं रहता है. वे अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं! इसलिए उन्होंने अपना मुंह बंद कर रखा है.
कई लोग कुछ दिनों के लिए कहीं और जाने की सोच रहे हैं. उनका मानना है कि कम से कम जान तो बच जाएगी. लेकिन, बहुत से लोग घर से पूरी तरह निकलने की हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं. लोगों का कहना है कि कानून लागू करने वालों को निष्पक्ष रूप से काम करने दो असली दोषियों को सजा मिलनी चाहिए. पुलिस प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों.
इस बीच, भाजपा ने सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर पश्चिम बंगाल में हावड़ा और रिषड़ा सहित विभिन्न स्थानों पर हालिया अशांति फैलाने का आरोप लगाया और उनसे इस्तीफा मांगा. दो अन्य सांसदों के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, भाजपा की हुगली सांसद लॉकेट चटर्जी ने भी केंद्र के हस्तक्षेप की मांग की और हिंसा की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच की मांग की. सोमवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस में भाजपा के दो अन्य सांसद देबाश्री चौधरी और खगेन मुर्मू भी शामिल हुए.
लॉकेट चटर्जी ने कहा कि 'यह मुस्लिम वोटों को मजबूत करने और मुसलमानों को खुश करने के लिए ममता बनर्जी की पूर्व नियोजित साजिश का नतीजा है.' लॉकेट चटर्जी ने ममता बनर्जी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि 'ममता बनर्जी झूठ बोल रही हैं. हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार इस मामले को ठीक से देखे. हम एनआईए जांच की मांग कर रहे हैं. हम यह भी चाहते हैं कि ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दें.'
उधर, माकपा के उत्तरपाड़ा के पूर्व विधायक श्रुति नाथ प्रहराज ने कहा कि 'बीजेपी का इस मामले में कोई नैतिक अधिकार नहीं है क्योंकि वे प्रतिष्ठा हासिल कर रहे हैं. रिषड़ा कांड में तृणमूल सरकार की जिम्मेदारी और अनभिज्ञ भूमिका है. अगर बीजेपी की भूमिका है तो ये जांच में साबित हो जाएगी. हाईकोर्ट के मुकदमे में आम लोगों के जीवन को अस्त-व्यस्त करने के लिए दोनों पक्ष समान रूप से जिम्मेदार होंगे. यह उन पर निर्भर है कि मुख्यमंत्री इस्तीफा दे रही हैं या नहीं.'
तृणमूल कांग्रेस के नेता दिलीप यादव ने ममता के इस्तीफे का विरोध किया. यादव ने कहा कि ' अडाणी मामला सामने आने के बाद भारत की अर्थव्यवस्था को जो हो गया है, उसके लिए प्रधानमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए. मैं लोगों के बीच कभी अराजकता नहीं चाहता. कुछ लोग अराजकता चाहते हैं. एक जिम्मेदार कार्यकर्ता होने के नाते मैं चाहता हूं कि रिषड़ा जैसी कोई घटना न हो.'
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