कोलकाता: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Governor Jagdeep Dhankhar ) ने बुधवार को इस बात पर निराशा जताई है कि मुख्य सचिव एचके द्विवेदी ने उनके पत्र पर 'संज्ञान तक नहीं लिया.' जिसमें उन्होंने स्पाईवेयर सॉफ्टवेयर पेगासस (Pegasus) का उपयोग करके फोन टैप करने की कथित घटना की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित समिति की जानकारी मांगी थी.
धनखड़ ने द्विवेदी से कहा कि वह राज्य सरकार द्वारा इस मामले की जांच के लिए गठित समिति की अधिसूचना बृहस्पतिवार शाम तक सार्वजनिक करें.
राज्यपाल ने मुख्य सचिव को लिखी चिट्ठी में कहा-'यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और गंभीर चिंता का विषय है कि उसका जवाब तो दूर रहा, उसका संज्ञान भी नहीं लिया गया है. यह गंभीर प्रशासनिक चूक का संकेत है और दिखाता है कि यह 'संवैधानिक नियमों' और 'विधि के शासन' नहीं है.
धनखड़ ने कहा कि उन्होंने द्विवेदी से 11 दिसंबर को हुई बातचीत में उन्हें इसकी याद दिलाई थी.
उन्होंने कहा-'मुख्य सचिव को अंतिम अवसर दिया जा रहा है कि वह अंनंतिम कल शाम पांच बजे तक अधिसूचना जारी करें और अधिसूचना जारी करने के लिए अपनाई गई पूरी प्रक्रिया को भी सार्वजनिक करें.'
राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ज्योतिर्मय भट्टाचार्य की एक जांच समिति गठित की है. धनखड़ ने कहा कि उन्होंने पहले भी कहा था कि अधिसूचना की प्रति उन्हें 10 दिसंबर तक उपलब्ध करायी जाए.
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