नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में जब से योगी सरकार की नजर वक्फ बोर्ड और उनकी संपत्तियों (UP Waqf Board Properties Survey) पर पड़ी है, तब से लोग वक्फ बोर्ड के बारे में जानने की कोशिश और तेज कर रहे हैं. लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर ये वक्फ बोर्ड क्या है और कब यह अस्तित्व में आया. इसके पास पूरे देश में कितनी संपत्ति है और इन सम्पत्तियों का रखरखाव कौन करता है. इसका असली मालिक कौन है. साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने अवैध तरीके से वक्फ बोर्ड के नाम से दर्ज जमीनों को वापस दिलाने की योजना पर काम करने जा रही है. जिससे कई लोगों का छीना हक वापस मिलेगा, तो वहीं सरकार को विकास कार्यों के लिए जमीनें मिल जाएंगीं. देश में सेना व रेल के बाद सबसे अधिक जमीन वक्फ बोर्ड के पास बतायी जाती है. ईटीवी भारत इन सब के बारे में विस्तार से जानकारी देने की कोशिश कर रहा है.....
- कुछ लोगों का कहना है कि 'वक़्फ़' शब्द की उत्पत्ति अरबी भाषा के शब्द 'वक़ूफ़ा' से हुई है, जिसका आशय समर्पित करना या दान करने ले लगाया जाता है.
- इस पर उर्दू के जानकार प्रोफेसर वाई. सत्यनारायण का कहना है कि वक़्फ़ ख़ुद एक मूल शब्द है, जिसका अर्थ समर्पित करना होता है. वक़ूफ़ा का कोई इस से ताल्लुक़ नहीं है. ऐसे लोग जो अपनी सम्पत्ति किसी और को न देकर अल्लाह के नाम पर दान करना चाहते हैं तो उस दान को वफ्फ कहा जाता है. इसीलिए इस्लाम में वक्फ उस संपत्ति को कहते हैं, जो अल्लाह के नाम पर दान कर दी जाती है.
- जो संपत्ति एक बार वक्फ हो गई, तो मालिक उसे वापस नहीं ले सकता है. इसके अलावा अगर किसी संपत्ति का इस्तेमाल लंबे समय तक धर्म के काम में इस्तेमाल किया जा रहा हो, तो उसे भी वक्फ माना जाता है.
क्या है वक्फ बोर्ड
इस्लाम धर्म को मानने वाला कोई व्यक्ति जब अपनी संपत्ति दान कर देता है, तो उसकी देखरेख का जिम्मा वक्फ बोर्ड के पास आ जाता है. वक्फ का काम देखने वालों को 'मुतावली' कहा जाता है. वक्फ बोर्ड के पास दान में मिली किसी भी संपत्ति पर कब्जा रखने या उसे किसी और को देने का अधिकार होता है.
देश भर में वक्फ बोर्ड को उनके कामकाज में बारे में परामर्श देने के लिए एक केंद्रीय वक्फ परिषद की भी स्थापना की गई थी. यही परिषद वक्फ बोर्ड को उनके प्रशासन से जुड़े सुझाव और परामर्श भी देने का काम करती है. इस परिषद की स्थापना 1964 में तत्कालीन केंद्र सरकार ने की थी. इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है और यह अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के अधीन काम करती है. वक्फ बोर्ड के गठन का मकसद भारत में इस्लामिक इमारतों, संस्थान और जमीनों के सही रख-रखाव के साथ ही इनके इस्तेमाल को देखना था. इस संस्था में एक अध्यक्ष और बतौर सदस्य 20 लोग होते हैं. इनमें से कुछ की नियुक्ति केंद्र सरकार करती है और यहां पर मनोनीत विधायक, सांसद आदि की भी नियुक्ति करती है. इसके साथ ही इसमें कोई मुस्लिम स्कॉलर या स्टेट बार काउंसिल का सदस्य भी हो सकता है. इसके अलावा अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग वक्फ बोर्ड भी होते हैं. इसके चेयरमैन राज्य सरकारों के द्वारा बनाए जाते हैं.
देशभर में हैं कई वक्फ बोर्ड
आंकड़ों व जानकारियों के अनुसार देश में एक सेंट्रल वक्फ काउंसिल और 32 स्टेट बोर्ड दर्ज हैं. भारत सरकार का केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री सेंट्रल वक्फ काउंसिल का पदेन अध्यक्ष होता है. वर्तमान समय में केन्द्रीय स्मृति ईरानी सेंट्रल वक्फ काउंसिल की चेयरपर्सन के रुप में काम देख रही हैं. फिलहाल हर राज्य के अलग-अलग वक्फ बोर्ड हैं. इस समय पूरे देश में 32 राज्यों में वक्फ बोर्ड कार्य कर रहे हैं.
वक्फ बोर्ड की संपत्ति (Waqf Board Property)
अगर सरकारी आंकड़ों को देखा जाय तो देश में सबसे अधिक जमीन भारतीय सेना के पास है. उसके बाद रेलवे सर्वाधिक सम्पत्तियों का मालिक है. इसके बाद सबसे ज्यादा जमीन वफ्फ बोर्ड के पास है. इस तरह से वक्फ बोर्ड देश का तीसरा सबसे बड़ा जमीदार कहा जाता है. नेशनल वक्फ मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया (WAMSI-National Waqf Management System of India) के द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक देश के सभी वक्फ बोर्डों के पास कुल मिलाकर 6,16,732 संपत्तियां हैं, जो करीब 8 लाख एकड़ से ज्यादा जमीन पर फैली हैं.
अगर इसे सीधे तरीके से समझने की कोशिश की जाय तो पता चलता है कि 8 लाख एकड़ जमीन पर मुंबई जैसे पांच शहर बसाए जा सकते हैं. अगर इतनी अधिक संपत्ति वक्फ़ के पास है तो उसका उपयोग क्या किया जा रहा है. अगर इस जमीन को वर्ग किमी में देखें तो पता चलता है कि यह जमीन 3237 वर्ग किलोमीटर से अधिक है और मुंबई जैसे शहर का कुल क्षेत्रफल केवल 603.4 वर्ग किमी है.
उत्तर प्रदेश में वक्फ बोर्ड (UP Waqf Board Property)
भारत में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का आंकड़ा रखने वाली संस्था नेशनल वक्फ मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया (National Waqf Management System of India) के द्वारा 31 जनवरी 2020 को जारी किए गए आंकड़े के अनुसार पूरे देश में 6,16,732 संपत्तियां हैं, जिनमें से सर्वाधिक संपत्ति उत्तर प्रदेश और दूसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल तीसरे नंबर पर कर्नाटक राज्य है. उत्तर प्रदेश में शिया वक्फ बोर्ड और सुन्नी वक्फ बोर्ड दोनों हैं. शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अली जैदी हैं. वहीं, सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफर अहमद फारुखी हैं. सुन्नी वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रो. सैय्यद शफीक अहमद अशरफी हैं. यहां पर शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड दोनों पर करोड़ों की संपत्ति के घोटाले का आरोप भी लगा है. उसी के बाद से उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से यूपी शिया-सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड पर 2016 और इसके अगले साल यानी 2017 में प्रयागराज और लखनऊ में मुकदमे दर्ज कराए गए हैं.
उत्तर प्रदेश वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का सर्वे (Waqf Board Properties Survey by Yogi Government)
यूपी की योगी सरकार ने वक्फ बोर्ड का 33 साल पुराना शासनादेश रद्द करते हुए वक्फ के नाम पर बंजर, ऊसर, भीटा जैसी सार्वजनिक सम्पत्ति को दर्ज करने पहल पर रोक लगा दी है. प्रदेश की योगी सरकार ने 7 अप्रैल 1989 को इस बाबत जारी एक विवादित शासनादेश को निरस्त करते हुए कहा कि 7 अप्रैल 1989 के बाद वक्फ सम्पत्ति के रूप में दर्ज सभी मामलों का पुर्नपरीक्षण भी करवाया जाएगा, ताकि जबरन कब्जे व गलत तरीके से हथियायी गयी जमीनों को मुक्त कराया जा सके.