भोपाल :मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि देश भर में एमपी का व्यापमं घोटाला लंबे अरसे तक चर्चा का केंद्र बिंदु रहा था. इसके तहत प्रवेश परीक्षाओं में गड़बड़ियों की शुरुआत 1990 के दशक से ही शुरू हो चुकी थीं, जिसके बाद आज (बुधवार) इस मामले में सीबीआई ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है.
सीबीआई के वकील सतीश दिनकर के मुताबिक, 592 लोगों के खिलाफ पहले ही आरोप पत्र दायर किया जा चुका है और सीबीआई ने वर्तमान में 73 और आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है. न्यायाधीश ने आरोपियों की उपस्थिति के लिए आज से पांच अगस्त तक की तारीख दी है.
व्यापमं घोटाला से जुड़े खास बिंदु
- पहली एफआईआर 2000 में छतरपुर जिले में दर्ज हुई.
- 2004 में खंडवा में 7 केस दर्ज हुए.
- वर्ष 2009 तक एक भी बड़ा मामला सतह पर नहीं आया.
- 2009 में पीएमटी परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप लगे, जो काफी गंभीर थे.
- जांच के लिए कमेटी बनायी गई और 100 से ज्यादा गिरफ्तारियां हुईं.
- 2012 में एसटीएफ का गठन किया गया.
- 2013 में बड़े नामों के होने का जिक्र किया, लेकिन खुलासा नहीं किया गया.
- पहला नाम पूर्व शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा का आया, उनके साथ 100 से ज्यादा नाम दर्ज हुए.
व्यापमं में तैयार की जा रही चार्जशीट में सिर्फ नेताओं के नहीं, बल्कि बिचौलियों, छात्रों, पुलिसकर्मियों, अभिभावकों के भी नाम दर्ज हैं. व्यापमं में एक-एक परीक्षा पर सरकारी अफसर, बिचौलिए और छात्रों व आवेदकों के बीच बड़े तार पाए गए हैं.