जोधपुर. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय जोधपुर में विधि छात्रों के साथ संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कि हम अपने देश को बिना किसी कारण के किसी को शर्मिंदा करने की अनुमति नहीं दे सकते. आप भारत विरोधी नेरेटिव को न्यूट्रलाइज कर सकते हैं, अगर आप नहीं बोलते हैं तो देश की प्रगति बाधित होती है. उन्होंने कहा लोकतंत्र में छात्रों और युवाओं की शक्ति से बड़ी कोई ताकत नहीं है. जब हम आजादी के 100 साल पूरे करेंगे, तो आपके वो पैदल सैनिक होंगे, जो भारत को अपने कंधों पर उठाकर शिखर पर लेकर जाएंगे.
उपराष्ट्रपति ने छात्रों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि आप अपने संसद सदस्यों से यह अपेक्षा रखते हैं कि वे संसद में डिबेट में भाग लें, डॉयलाग करें और डिलीवर करें. आप यह तो नहीं चाहते कि आपके सांसद व्यवधान में शामिल और डिस्टर्ब करें. मैं उपराष्ट्रपति होने के नाते राज्यसभा का सभापति हूं और मैं यह हमेशा देखता हूं. मेरी आप सबसे अपील है कि हमेशा दूसरों के दृष्टिकोण का सम्मान करें. भले ही आप उससे सहमत नहीं और उसे स्वीकार नहीं करें, लेकिन सम्मान करें. यह लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए जरूरी है.
बताई कानून की महत्ता: उन्होंने विधि छात्रों को देश के कानूनों की महत्ता बताई. इतना ही नहीं उन्होंने कहा उपभोक्ता कानून को हल्का गिना जाता है. लेकिन उसमें भी मेहनत की जाए, तो परिणाम आते हैं. उन्होंने खुद का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे उन्होंने एक एअरलाइंस कंपनी को घुटनों पर ला दिया था. उपराष्ट्रपति ने हाल ही में संसद द्वारा तीन कानून हटाने और बदलने की जानकारी देते हुए कहा कि आप कानूनों के एक-एक प्रोविजन का अध्ययन करें.