नई दिल्ली/मुंबई/बेंगलुरु/चंडीगढ़ : प्रतिद्वंद्वी दलों द्वारा एक-दूसरे पर 'खरीद-फरोख्त' के आरोप-प्रत्यारोपों के बीच चार राज्यों की 16 राज्यसभा सीट पर मतदान हो रहा है. निर्वाचन आयोग ने विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं और सम्पूर्ण मतदान की वीडियोग्राफी कराई जा रही है. इन चुनावों में जिन उम्मीदवारों के चुनावी भाग्य का फैसला किया जाएगा, उनमें केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और पीयूष गोयल, कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला, जयराम रमेश और मुकुल वासनिक तथा शिवसेना नेता संजय राउत प्रमुख हैं. इन सभी नेताओं के बिना किसी परेशानी के जीतने की उम्मीद है. हाल ही में 57 राज्यसभा सीट के लिए द्विवार्षिक चुनावों की घोषणा की गई थी और उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, पंजाब, तेलंगाना, झारखंड और उत्तराखंड में सभी 41 उम्मीदवारों को पिछले शुक्रवार को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया था.
हालांकि, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक की 16 सीट के लिए आज चुनाव हो रहा है, क्योंकि उम्मीदवारों की संख्या चुनाव वाली सीट से अधिक है. कट्टर प्रतिद्वंद्वी भाजपा और कांग्रेस ने खरीद फरोख्त की आशंकाओं के मद्देनजर अपने विधायकों को होटल और रिसॉर्ट में रखा था, ताकि उन्हें प्रतिद्वंद्वी दल अपने पाले में न ले आयें.
महाराष्ट्र में छह सीटों पर मतदान :महाराष्ट्र में छह सीट के लिए मतदान हो रहा है. दो दशक से अधिक समय के बाद महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव हो रहा है. छह सीट के लिए सात उम्मीदवार मैदान में हैं. सत्तारूढ़ एमवीए के सहयोगियों - शिवसेना, एनसीपी, कांग्रेस ने अपने विधायकों को मुंबई के विभिन्न होटलों और रिसॉर्ट में रखा था. राकांपा प्रमुख शरद पवार, कांग्रेस महासचिव मल्लिकार्जुन खड़गे और भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए मुंबई में एक दिन पहले अपने-अपने दलों के नेताओं के साथ बातचीत की थी. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अनिल बोंडे, धनंजय महादिक (भाजपा), प्रफुल्ल पटेल (राकांपा), संजय राउत और संजय पवार (शिवसेना) और इमरान प्रतापगढ़ी (कांग्रेस) छह सीट के लिए चुनाव मैदान में हैं. छठी सीट पर मुकाबला महादिक और शिवसेना के पवार के बीच है.
AIMIM ने एमवीए के समर्थन की घोषणा की :शिवसेना के 55 विधायक, राकांपा के 53, कांग्रेस के 44, भाजपा के 106, बहुजन विकास आघाड़ी (बीवीए) के तीन, समाजवादी पार्टी, एआईएमआईएम और प्रहार जनशक्ति पार्टी के दो-दो, मनसे, माकपा, पीडब्ल्यूपी, स्वाभिमानी पार्टी, राष्ट्रीय समाज पक्ष, जनसुराज्य शक्ति पार्टी, क्रांतिकारी शेतकारी पार्टी के एक-एक, और 13 निर्दलीय विधायक हैं. एमवीए के सहयोगी और भाजपा दोनों ही छोटी पार्टियों और निर्दलीय विधायकों के 25 अतिरिक्त वोटों पर भरोसा कर रहे हैं, ताकि उनके उम्मीदवार छठी सीट के लिए जीत हासिल कर सकें. AIMIM महाराष्ट्र अध्यक्ष ने कहा है कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव में महा विकास अघाड़ी (MVA) को वोट देने का फैसला किया है. AIMIM महाराष्ट्र के 2 विधायकों को कांग्रेस उम्मीदवार इमरान प्रतापगढ़ी को वोट देने के लिए कहा गया है.
हरियाणा में दो सीट पर मतदान :हरियाणा में दो सीट के लिए मतदान हो रहा है. सत्तारूढ़ भाजपा और उसके कुछ सहयोगी जजपा के विधायकों को चंडीगढ़ के पास एक रिसॉर्ट में रखा गया था. खरीद-फरोख्त की आशंका के बीच कांग्रेस विधायक भी छत्तीसगढ़ के एक रिसॉर्ट में ठहरे थे. प्रतिद्वंद्वी दलों द्वारा खरीद-फरोख्त के बढ़ते खतरे के बारे में पूछे जाने पर, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने नई दिल्ली में संवाददाताओं से कहा था, 'हमने सभी चार स्थानों (राज्यों) में विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं. पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी.'
हालांकि 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में 40 विधायकों वाली भाजपा के पास सीधी जीत के लिए आवश्यक 31 प्रथम वरीयता के वोटों से नौ अधिक हैं, लेकिन मीडिया क्षेत्र से जुड़े कार्तिकेय शर्मा के मैदान में उतरने के साथ ही दूसरी सीट के लिए चुनाव दिलचस्प हो गया है. उन्हें भाजपा-जजपा गठबंधन, अधिकांश निर्दलीय और हरियाणा लोकहित पार्टी के एकमात्र विधायक गोपाल कांडा का समर्थन प्राप्त है. भाजपा ने पूर्व मंत्री कृष्ण लाल पंवार को मैदान में उतारा है, जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन कांग्रेस के उम्मीदवार हैं.
जानिए हरियाणा का गणित :राज्य विधानसभा में कांग्रेस के 31 सदस्य हैं, जो उसके उम्मीदवार को एक सीट जीतने में मदद करने के लिए पर्याप्त है. क्रॉस वोटिंग की स्थिति में इसकी संभावनाएं खतरे में पड़ सकती हैं. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत भजन लाल के छोटे बेटे कुलदीप बिश्नोई कथित तौर पर पार्टी से नाराज हैं, क्योंकि उन्हें अप्रैल में नवगठित राज्य कांग्रेस इकाई में कोई पद नहीं मिला था. नब्बे-सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में, भाजपा के पास 40 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के पास 31 हैं. भाजपा की सहयोगी जेजेपी के पास 10 विधायक हैं, जबकि इंडियन नेशनल लोक दल और हरियाणा लोकहित पार्टी के पास एक-एक विधायक हैं. सात निर्दलीय हैं.