तिरुवनंतपुरम: यहां विझिंजम बंदरगाह में हुए हिंसक विरोधी प्रदर्शनों के सिलसिले में मेट्रोपॉलिटन आर्कबिशप थॉमस जे नेटो सहित कम से कम 15 लैटिन कैथोलिक पादरियों के खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए हैं. शनिवार की हिंसा को लेकर दर्ज प्राथमिकी में पुलिस ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश, अवैध रूप से एकत्र होने और दंगा करने के आरोप लगाये गये है. पुलिस ने मामले में आर्कबिशप थॉमस जे नेटो, फादर क्रिस्टुदास, फादर यूजीन परेरा, लॉरेंस गुलास सहित अन्य को आरोपित किया है.
शनिवार को दो समूहों के बीच विझिंजम में हुई झड़पों को लेकर 110 से अधिक लोगों और कई अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए हैं. अब तक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया जा चुका है. केरल उच्च न्यायालय से किए गए वादों का उल्लंघन करते हुए प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को निर्माण सामग्री ले जा रहे ट्रकों को यहां निर्माणाधीन विझिंजम बंदरगाह के सामने रोक दिया था. लैटिन कैथोलिक गिरजाघर की अगुवाई वाले प्रदर्शनकारियों ने 22 नवंबर को उच्च न्यायालय को आश्वासन दिया था कि वे विझिंजम बंदरगाह पर आने वाले किसी भी वाहन को नहीं रोकेंगे.
शनिवार को सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी विझिंजम बंदरगाह के द्वार के सामने एकत्र हो गए थे और मार्ग को अवरुद्ध कर वाहनों को रोक दिया था. नाकेबंदी के दौरान परियोजना के समर्थन में स्थानीय लोगों का एक वर्ग प्रदर्शनकारियों का विरोध करने के लिए सामने आया, जिससे मामूली हाथापाई हुई. जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, 'प्रदर्शन के दौरान मामूली नोकझोंक भी हुई. हमने प्रदर्शनकारियों और विझिंजम में प्रदर्शन का विरोध करने वाले लोगों के खिलाफ नौ मामले दर्ज किए हैं.'
इस बीच, विपक्ष के नेता वी. डी. सतीशन ने कहा कि आर्कबिशप के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किया जाना अस्वीकार्य है. उन्होंने रविवार को एक बयान में कहा, 'लगभग 50 पादरियों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं. इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है. अब ऐसा लग रहा है कि पिनराई विजयन के नेतृत्व वाली सरकार अदानी समूह के लिए कुछ भी करेगी.' सतीशन ने कहा कि संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने पहले प्रदर्शनकारियों को समर्थन देने का वादा किया था और आगे भी ऐसा जारी रहेगा.