हरदोईःबीते दिनों मुजफ्फरनगर के एक मदरसे में धर्म परिवर्तन (Conversion in a madrasa in Muzaffarnagar) का मामला सामने आया था. हरदोई के किशोर विवेक का धर्म परिवर्तन (Conversion of Vivek in Hardoi) कराकर उमर बनाने का आरोप चार लोगों पर लगा था. इस मामले में पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था. विवेक को परिजनों को सौंप दिया गया था. अब विवेक ने इस पूरे मामले की सच्चाई ईटीवी की टीम के सामने बयां की है. आखिर क्या है इसकी पूरी कहानी चलिए जानते हैं इसके बारे में.
2016 में लापता हुआ था:हरदोई जिले के कछौना ब्लॉक के गुसवां गांव के रहने वाले वीरेंद्र कुमार पुत्र विवेक, बेटियों व पत्नी के साथ चंडीगढ़ में रहकर मजदूरी करता थे. आरोप है कि बीती 17 मार्च 2016 को उनका पुत्र विवेक जो कि कक्षा चार का छात्र था, स्कूल जाने के लिए निकला लेकिन फिर घर नहीं पहुंचा. पिता ने चंडीगढ़ के थाना मौलीजागरा में बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट 17 मार्च 2016 को दर्ज कराई थी. इसके बाद उसका कोई सुराग नहीं मिला था. बीती चार अक्तूबर को विवेक मुजफ्फरनगर में एक जनसेवा केंद्र पर पहुंचा और आधार कार्ड में संशोधन की बात कही. यहीं से उसका सुराग मिला और वह अपने परिजनों से मिल सका.
विवेक बोला, अपनी इच्छा से किया धर्म परिवर्तन:विवेक ने ईटीवी की टीम को बताया कि उसने धर्म परिवर्तन अपनी इच्छा से किया है. इसके लिए उसे किसी ने बाध्य नही किया था. साथ ही वह स्वेच्छा से अपने एक मित्र आरिफ के साथ सहारनपुर गया और उसके घर मे रहा. इसके बाद उसने मदरसे में पढ़ाई की. उसने बताया कि उसके साथ वहां कोई दुर्व्यवहार नही किया गया न ही कोई दबाव बनाया गया. उसने स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन किया. विवेक ने बताया कि सात साल तक उसने मदरसे में उर्दू पढ़नी और लिखनी सीखी. साथ ही वह कुरान पढ़ना भी सीख रहा था.