लखनऊ: विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) ने अब अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को लेकर सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. परिषद की ओर से शुक्रवार को स्पष्ट कहा गया है कि जो धर्म भारत में उदय नहीं हुए उनमें जो भी धर्म परिवर्तन होगा उसको आरक्षण का लाभ मिलना सर्वथा अनुचित है. विश्व हिंदू परिषद के निशाने पर मुस्लिम और ईसाई धर्म हैं. विहिप की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया कि कई बार दोहरे आरक्षण का लाभ भी धर्मांतरित होने वाले लोग ले रहे हैं. ये ना केवल जातिगत आरक्षण का लाभ लेते हैं बल्कि अल्पसंख्यकों को योजनाओं में मिलने वाले फायदे भी उठाते हैं. जिसको लेकर विश्व हिंदू परिषद केंद्र सरकार पर दबाव बनाएगी की धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों को आरक्षण का लाभ ना मिले. खासतौर पर मुस्लिम और ईसाइयों के लिए. बौद्ध और सिखों में धर्म परिवर्तन करने वालों पर विश्व हिंदू परिषद का कोई विरोध नहीं है.
विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने शुक्रवार को विश्व संवाद केंद्र में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि अनुसूचित जाति के लोगों का ईसाई औऱ मुस्लिम में धर्मान्तरण होने की दशा में कई आदेश होने के बावजूद अब भी आरक्षण मिलता है. उनकी पूजा पद्धति बदल गई है. अनेक ऐसे मामले सामने आए, जिनमें धर्म परिवर्तन करने वालों ने देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का अपमान किया है.