नई दिल्ली : मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने भारतीयों को वीज फ्री एंट्री की सुविधा प्रदान कर दी है. आप एक महीने तक मलेशिया में बिना वीजा के घूम सकते हैं. उन्होंने एक दिन पहले रविवार को इसकी घोषणा पीपुल्स जस्टिस पार्टी की बैठक के दौरान की. यह सुविधा एक दिसंबर से शुरू हो रही है. अनवर इब्राहिम ने चीनी नागरिकों को भी यही सुविधा प्रदान की है.
विशेषज्ञों की माने तो मलेशिया ने अपनी इकोनोमी को सुधारने के लिए यह फैसला लिया है. उनकी इस घोषणा से मलेशिया में पर्यटन को नई गति मिल सकती है. मलेशिया में बड़ी संख्या में चीन और भारत के नागरिक भ्रमण करने जाते हैं. इसी साल जनवरी से जून महीने के बीच 2.8 लाख भारतीय पर्यटक मलेशिया गए थे. यह आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है. 2019 में भारत से 3.5 लाख पर्यटक मलेशिया गए थे.
मलेशिया में जितने भी भारतीय रहते हैं, उनमें सबसे ज्यादा तमिलनाडु के हैं. कुल भारतीयों में से 90 फीसदी तमिल मूल के हैं. उसके बाद तेलुगु, मलयालम, बंगाली, पंजाबी, गुजराती और मराठी रहते हैं. मलेशिया में भारतीय मूल के करीब 27.5 लाख लोग रहते हैं. वहां की आबादी में इनकी भागीदारी नौ फीसदी है.
भारत और मलेशिया के बीच घनिष्ठ व्यापारिक संबंध हैं. मलेशिया भारत का 13 वां बड़ा व्यापारिक पार्टनर है. दोनों देशों के बीच व्यापार मलेशिया के पक्ष में है. मलेशिया हमें 10.80 अरब डॉलर का निर्यात करता है, जबकि हम 6.43 अरब डॉलर का निर्यात करते हैं. वहां से हम मुख्य रूप से तेल, लकड़ी, बिजली के उपकरण आयात करते हैं. भारत मुख्य रूप से लोहा, खनिज तेल, केमिलक, मशीन उपकरण का निर्यात करता है.