नालंदा : फर्श पर बेसुध होकर कराहती प्रसूता को उम्मीद थी की पावापुरी के विम्स हॉस्पिटल में उसके जच्चे-बच्चे की देखभाल हो जाएगी. लेकिन वहां पहुंचते ही नन्हे मेहमान का स्वागत लापरवाही ने किया. सड़ चुके सिस्टम ने अबोध बच्चे का वेलकम किया. गनीमत रही कि कोई अनहोनी नहीं हुई. नंगे फर्श पर, अंधेरी गली में दर्द से कराहती प्रसूता अस्पताल तो पहुंच गई थी. लेकिन उसके दर्द की इंतहां नहीं थी. उसी अस्पताल की लॉबी में ही वो तड़पती रही. न तो डॉक्टर समय से आए और न ही नर्स. परिजनों ने ही उसका प्रसव कराया.
अस्पताल की गैलरी के फर्श पर प्रसव: किसी तरह एक नर्स भी मौके पर आई तो वो भी असहाय थी. इतने बड़े ईंट पत्थरों से बने अस्पताल में सुविधिओं के नाम पर एक स्ट्रेचर तक नहीं मिला. प्रसव जमीन पर ही हुआ. बच्चे की किलकारी भी गूंजी. दूर किसी ने इस लापरवाही का वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. लोग कहने लगे कि यही तेजस्वी के सपनों का बिहार है जहां दवा इलाज ऐसे किया जाता है.
लापरवाही ने किया नवजात का वेलकम : दरअसल, गिरियक प्रखंड के तेतरावां गांव निवासी नीलेश साव की पत्नी बबली देवी को प्रसव पीड़ा हुई तो उसे परिजन पास के अस्पताल पावापुरी विम्स इलाज के लिए लेकर आई. फिल्हाल प्रसव के बाद जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ है. आपको बता दें कि इस तरह की लापरवाही का कोई नया मामला नहीं है. ये अक्सर देखने और सुनने को मिलता है बावजूद कार्रवाई के नाम पर कागजी खानापूर्ति कर मामले को ठंडे बस्ते में दबा दिया जाता है.
नीतीश के नालंदा के अस्पताल का हाल बेहाल: यह तस्वीर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा का है. राज्य सरकार स्वास्थ व्यवस्था को लेकर भले ही बड़े बड़े दावे करते हों लेकिन ज़मीनी हक़ीक़त बिल्कुल अलग है. आप इस तस्वीर को देखकर समझ सकते हैं. वहीं, इस संबंध में अस्पताल प्रशासन कुछ भी बोलने बताने से बचता नज़र आ रहा है.