लखनऊ :सऊदी अरब के मक्का में पवित्र काबा के समक्ष कुछ हज यात्रियों का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ बद्दुआ पढ़ने का वीडियो वायरल हो रहा है. अरबी और तमिल भाषा में हज यात्री काबा के समक्ष बीजेपी के खिलाफ बद्दुआ पढ़ते हुए नजर आ रहे हैं. इसको लेकर उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और वर्तमान में हज कमेटी के अध्यक्ष मोहसिन रजा ने कड़ी आपत्ति जाहिर की है. उन्होंने केंद्र सरकार से जांच कराने की मांग की है.
काबा के समक्ष आरएसएस और भाजपा के लिए खिलाफ बद्दुआ का वीडियो वायरल, जानिए सच
सऊदी अरब के मक्का में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ बद्दुआ पढ़ने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. इस वीडियो में लोग तमिल और अरबी भाषा में बोलते नजर आ रहे हैं. हालांकि वायरल वीडियो 2019 की बताया जा रहा है.
वायरल वीडियो मई 2019 का बताया जा रहा है. जानकारी के अनुसार कनाडा के पत्रकार, लेखक तारेक फतह ने उसी वर्ष में अपने ट्विटर हैंडल पर यह वीडियो पोस्ट किया था. वीडियो के बारे में कहा गया था कि इस तरह के नफरत फैलाने वाले धर्मोपदेश और राजनीति के साथ प्रार्थना वांछनीय नहीं है. वीडियो पर काफी तीखे कमेंट और ट्वीट्स वायरल हुए थे. तारेक फतेह ने अपने कमेंट्स के माध्यम से कट्टरपंथियों और कट्टरपंथी इस्लामवादियों को भी निशाने पर लिया था. तारेक का कहना था कि पवित्र काबा में पहुंचा यह समूह तमिलनाडु से प्रतीत होते हैं, जो भेड़ की तरह एक मुल्ला की नसीहतों पर अमल कर रहे हैं
वहीं मंगलवार को इस वीडियो को देश के कई सोशल मीडिया ग्रुपों में देखा गया. इसके बाद राजनीतिक टिप्पणियां भी शुरू हो गईं. हज कमेटी के चेयरमैन मोहसिन रजा ने कहा कि ऐसा वीडियो देखा है, जिसमें कुछ लोग हज यात्रा की पवित्रता को भंग करते हुए नजर आ रहे हैं. लगता है कि यह लोग हज यात्रा नहीं राजनीति करने सऊदी अरब गए हैं. किसी देश की सरकार चलाने वाली पार्टी के खिलाफ बद्दुआ पढ़ने से निश्चित तौर पर यह अर्थ निकाला जा सकता है कि यह एक देश विरोधी गतिविधि है. जिसका हम कड़ा विरोध करते हैं. 53 सेकंड तक काबा के समक्ष अरबी और तमिल भाषा में बद्दुआ पढ़ी जा रही है. मोहसिन रजा ने कहा कि मुसलमानों को भड़काने के लिए कुछ लोग इसी तरह के वीडियो वायरल करते हैं. जिससे देश में अस्थिरता पैदा हो सकती है. मेरी केंद्र सरकार से मांग है कि इस पूरे प्रकरण की जांच कराई जाए. हालांकि ईटीवी भारत वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.