सागर।आमतौर पर बरसात के सीजन में होने वाली बीमारियों को मौसमी बीमारियों या वायरल बुखार के नाम से जानते हैं और आम आदमी इसे बडे़ सहज तरीके से लेते हैं. अब तक देखने में आ रहा था कि बरसात के मौसम के दौरान फैलने वाला वायरल बुखार 3 से 5 दिन में ठीक हो जाता था, लेकिन पिछले डेढ़ साल से इसके लक्षणों में भारी बदलाव देखने मिला है. इसको लेकर चिकित्सा जगत में चिंता बढ़ रही है. वायरल बुखार के जो लक्षण हैं, उनमें तेजी से बदलाव देखने मिल रहा है.
माना जा रहा है कि कोरोना महामारी के बाद लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने और दूसरे कारणों से वायरस में बदलाव आ सकता है. ऐसे में सागर के बुंदेलखंड मेडिकल काॅलेज की सेंट्रल वायरोलाॅजी लैब वायरल बुखार के लक्षणों का अध्ययन कर रहे हैं. जिसमें सामने आया है कि R S V के कारण ये बदलाव देखने मिला है. हालांकि चिंता की बात इसलिए नहीं है कि निजी तौर पर इस बीमारी के बचाव की वैक्सीन बाजार में मौजूद है.
क्या बदलाव देखने मिला: दरअसल बरसात के मौसम में कभी लगातार बारिश और फिर अचानक गर्मी से वायरल फीवर का असर देखने मिल रहा है, लेकिन इस बार वायरल फीवर से पीड़ित लोग सामान्य तौर पर ज्यादा गंभीर लक्षण से परेशान हैं. 10 से 15 दिन उनके ठीक होने में लग रहे हैं. जबकि आमतौर पर 5 दिन में वायरल फीवर ठीक हो जाता था और लोग वायरल फीवर से ज्यादा परेशान नहीं होते थे. इस मामले में बुंदेलखंड मेडिकल काॅलेज के सेंट्रल वाॅयरोलाॅजी लैब के प्रभारी डाॅ सुमित रावत का कहना है कि "अभी कुछ महीने से जो बुखार देखने मिल रहा है. अमूमन बरसात के बाद फीवर का सिलसिला शुरू हो जाता है. इसमें कई प्रकार के लक्षण देखने मिलते हैं. सर्दी खांसी, सांस लेने में तकलीफ, हाथ पैर दर्द,कमर में दर्द, पीठ में दर्द की शिकायत सामनें आती है.
आमतौर पर कुछ साल पहले तक ये देखने में आता था कि ये तकलीफ दो चार दिन में ठीक हो जाती थी और पांचवे दिन आदमी काम पर जाने लगता था, लेकिन खासतौर पर कोरोना जैसी महामारी का सामना करने के बाद लोगों की प्रतिरोधक क्षमता कम हो गयी है. लोगों को खान-पान,रहन-सहन बहुत सारी चीजों की इसमें अहम भूमिका है.
वायरल फीवर के लक्षणों के आधार पर अध्ययन: डाॅ सुमित रावत बताते हैं कि बुंदेलखंड मेडिकल काॅलेज में आ रहे मरीजों में पिछले सालों की अपेक्षा दूसरे लक्षण और ज्यादा दिनों तक फीवर रहने के मामले में कोरोना के बाद रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के बाद हमनें देखा है कि इस बार वायरल फीवर में कई तरह की बीमारियों के लक्षण दिख रहे हैं. मेडिकल साइंस मानकर चल रही है कि इसमें दो चीजों की भूमिका हो सकती है. हम इस वायरस का अध्ययन कर रहे हैं और उसके दो आधार हैं कि कहीं कोरोना के कारण कम हुई रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण तो ये नहीं हो रहा है.