गुवाहाटी :असम के दारांग जिले में अतिक्रमण हटाने के दौरान हुई हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई जबकि 10 से अधिक सुरक्षाकर्मी घायल हो गए. बुधवार को ढालपुर इलाके में स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बलों की एक टीम अवैध कब्जा हटवाने गई थी, इसी दौरान सैकड़ों लोगों ने विरोध जताया. सुरक्षा बलों को पहले आंसू गैस के गोले दागने पड़े और बाद में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवाई फायरिंग भी करनी पड़ी.
राज्य सरकार ने जनता के बढ़ते गुस्से के बीच घटना की परिस्थितियों की न्यायिक जांच की घोषणा की. गृह एवं राजनीतिक विभाग के सचिव देवप्रसाद मिश्रा की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है कि सरकार ने फैसला किया है कि जांच गुवाहाटी उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा की जाएगी.
मामले पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि, सरकार जमीनों से अतिक्रमित हटाने के लिए प्रतिबद्ध है. पुलिस को जिम्मेदारी दी गई थी और वे केवल अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. सरमा ने ढालपुर में हुई गोलीबारी की घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सभी अतिक्रमित भूमि के खिलाफ बेदखली अभियान जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि 'मेरे पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार सुरक्षाकर्मियों पर छुरे आदि हथियारों से भी हमला किया गया.'
उधर, जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि करीब 77,420 बीघा सरकारी जमीन पर पिछले दो दशक से अधिक समय से अवैध कब्जा है. अधिकारियों के मुताबिक पुलिस और स्थानीय सिविल एडमिनिस्ट्रेशन जैसे ही ढालपुर नंबर 1 और ढालपुर नंबर 2 क्षेत्रों में पहुंचे, स्थानीय लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया. उन्होंने बताया कि अतिक्रमण हटवाने गई टीम को बेदखली अभियान को आगे बढ़ाने से रोका गया. सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोग इलाके में जमा हो गए और असम सरकार और असम पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे.
नोटिस के बावजूद जमीन खाली नहीं की
दारांग जिला प्रशासन ने बताया कि अतिक्रमणकारियों को पहले बेदखली का नोटिस दिया गया था. स्थानीय लोगों से क्षेत्र खाली करने की अपील की गई थी, लेकिन, स्थिति तब और खराब हो गई जब कुछ स्थानीय लोगों ने इलाके को बेदखल कराने गई टीम पर पथराव किया.