नई दिल्ली:जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सोमवार को स्पष्ट किया कि केंद्र शासित प्रदेश के अनंतनाग जिले स्थित मार्तंड सूर्य मंदिर में पूजा अर्चना करने के लिए उप राज्यपाल को किसी अनुमति की जरूरत नहीं है. यह स्मारक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित है. अनंतनाग जिले के उपायुक्त डॉ. पीयूष सिंघला ने कहा कि कार्यक्रम को प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल व अवशेष अधिनियम-1959 के नियम 7(2) के तहत इजाजत थी.
एएसआई अधिकारियों ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि उन्होंने अपनी नाराजगी दक्षिण कश्मीर में अनंतनाग जिले के प्रशासन के समक्ष व्यक्त की है और मुद्दे पर चिंता जताई है जिनमें नियम 7(1) का उल्लंघन शामिल है. इसके तहत कोई भी बैठक, रिसेप्शन, पार्टी या सम्मेलन संरक्षित स्मारक में बिना केंद्र सरकार की लिखित अनुमति के नहीं हो सकता.
वहीं, इससे पहले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में उसके द्वारा संरक्षित मार्तंड सूर्य मंदिर परिसर में आयोजित 'पूजा' नियमों का उल्लंघन है जिसमें उपराज्यपाल मनोज सिन्हा शामिल हुए थे. अधिकारियों ने कहा कि मुद्दा केंद्रशासित प्रदेश प्रशासन के समक्ष उठाया गया है. सिन्हा के प्राचीन मंदिर परिसर में 'नवग्रह अष्टमंगलम पूजा' में भाग लेने के एक दिन बाद एएसआई के अधिकारियों ने कहा कि इस पूजा के लिए संरक्षण निकाय से कोई अनुमति नहीं ली गई थी. पूजा-अर्चना कार्यक्रम के लिए लिए केंद्रशासित प्रदेश के बाहर से पुजारियों को बुलाया गया था.
एएसआई के एक अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा, हमने अपनी चिंता जिला प्रशासन के समक्ष रखी है. उन्हें संदेश भेजा गया है कि यह हमारे नियमों का उल्लंघन है. पूजा के लिए हमसे कोई अनुमति नहीं मांगी गई थी. उपराज्यपाल ने मंदिर के अंदर नहीं, बल्कि इसके बाहर पूजा-अर्चना की, हालांकि वह भी नियमों का उल्लंघन है. अधिकारी ने कहा कि एएसआई ने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिला प्रशासन को अपनी नाराजगी से अवगत कराया है और इस मुद्दे पर चिंता जताई है.