नई दिल्ली :आखिरकार रेसलर विनेश फोगाट ने मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड को आज लौटा दिया. विनेश अवॉर्ड्स को लौटाने के लिए पीएमओ जा रही थी लेकिन पुलिस के रोकने के बाद उन्होंने अपने अवॉर्ड कर्तव्य पथ पर ही ज़मीन पर रखे और उन्हें हाथ जोड़कर वहीं से वापस लौट गई. रेसलर बजरंग पूनिया ने विनेश फोगाट के अवॉर्ड लौटाने की तस्वीरें टैग करते हुए पोस्ट किया है कि "ये दिन किसी खिलाड़ी के जीवन में न आए. देश की महिला पहलवान सबसे बुरे दौर से गुज़र रही हैं."
बॉक्सर विजेंदर सिंह का पोस्ट : वहीं हरियाणा के ओलिंपियन बॉक्सर विजेंदर सिंह ने भी विनेश फोगाट के कर्तव्य पथ पर रखी गई अवॉर्ड्स की तस्वीर को पोस्ट करते हुए लिखा "हे राम".
विनेश को दीपेंद्र की सलाह :हरियाणा से कांग्रेस के सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने विनेश फोगाट के अवॉर्ड लौटाने की तस्वीरों को टैग करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (X) पर पोस्ट करते हुए लिखा कि "बेटियों की अस्मत पर आंच आने से जिनकी आंखें नहीं खुली! जिन्हें बेटियों के धरने पर बैठने से फर्क नहीं पड़ा! बेटियों को सड़कों पर घसीटे जाने पर जिनको शर्म नहीं आई! कोर्ट और पुलिस की टिप्पणियों के बाद भी जिन्होंने आरोपी का साथ नहीं छोड़ा। भला! सत्ता में बैठे ऐसे लोगों को अवॉर्ड लौटाने से क्या फर्क पड़ेगा? बहन विनेश ये खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड आपने जी-तोड़ मेहनत से कमाए हैं, इन्हें बेदर्द सत्ताधीशों के लिए मत त्यागो.. न्याय की इस लड़ाई में देश आपके साथ है"
अवॉर्ड वापसी का किया था ऐलान :आपको बता दें कि इससे पहले 26 दिसंबर को भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट ने अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड वापस करने का ऐलान कर दिया था. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (X) पर पोस्ट करते हुए लिखा था कि इन हालातों में पहुंचाने के लिए ताकतवर का बहुत- बहुत धन्यवाद. उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ख़त लिखते हुए ये ऐलान किया था. पत्र की कॉपी भी उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (X) पोस्ट के साथ शेयर की है.
पीएम मोदी को लिखा था ख़त :देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए ख़त में महिला पहलवान विनेश फोगाट ने लिखा था कि साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ दी और बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री लौटा दिया है. उन्हें ऐसा करने के लिए आखिरकार क्यों मजबूर होना पड़ा, ये पूरा देश जानता है . विनेश ने आगे लिखा था कि उन्होंने ओलंपिक में मेडल जीतने का सपना देखा था. लेकिन अब ये सपना भी धुंधला पड़ता जा रहा है. बस दुआ करूंगी कि आने वाली महिला खिलाड़ियों का सपना पूरा हो सके . कुश्ती की महिला पहलवानों ने पिछले कुछ सालों में जो झेला है उससे पता चलता है कि हम कितना घुट-घुट कर जीने को मजबूर हैं. जो शोषणकर्ता है उसने अपना दबदबा रहने की मुनादी भी कर दी है, साथ ही भौंडे तरीके से नारे भी लगवाए गए हैं. यही नहीं उसने महिला पहलवानों को मंथरा बताया है. साथ ही उन्होंने लिखा था कि बजरंग पूनिया के पद्मश्री लौटाने की फोटो को देखकर अंदर ही अंदर घुट रही हूं. मुझे भी अपने पुरस्कारों से घिन्न आने लगी है. अब मैं पुरस्कार लेती उस विनेश की छवि से छुटकारा पाना चाहती हूं. मुझे दिए गए मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड का अब मेरी जिंदगी में कोई मतलब नहीं रह गया है.
WFI की नई बॉडी हो चुकी है सस्पेंड :आपका बता दें कि साक्षी मलिक के कुश्ती छोड़ने और बजरंग पूनिया के अवॉर्ड लौटाने के बाद WFI की नई बॉडी को सस्पेंड कर दिया गया था. वहीं साक्षी मलिक के सपोर्ट में उतरते हुए गूंगा पहलवान ने भी अपना पद्मश्री लौटाने का ऐलान कर दिया था. WFI के सस्पेंशन के बाद बृजभूषण शरण सिंह भी कुश्ती से तौबा करने का बयान दे चुके हैं.
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