देवगढ़ : चुनाव लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और जब बात चुनाव की आती है, तो जेहन में उम्मीदवार के चयन का ख्याल सबसे पहले आता है. लेकिन राजस्थान में एक ऐसा चुनाव हुआ है, जो किसी प्रतिनिधि के लिए नहीं, बल्कि एक अहम फैसले को लेकर है. ये फैसला है शराबबंदी का और मामला है राजस्थान के राजसमंद की थानेट ग्राम पंचायत का.
राजसमंद उपचुनाव के पहले जिले के थानेटा गांव में शराबबंदी को लेकर चुनाव हुआ, जो थानेटा की तस्वीर बदल देगा. इस चुनाव में ग्रामीणों ने उत्साह के साथ मतदान किया और गांव में शराबबंदी लागू हो गई.
2307 महिलाओं-पुरुषों ने किया वोट का प्रयोग
प्रदेश में शराबबंदी की समय-समय पर मांग उठती रही है. जिसके लिए कई ग्रामीण इलाकों में शराब ठेका बंद करवाने की पुरजोर मांग उठती रही है. इसी बीच थानेटा में मतदाताओं ने शराबबंदी के लिए मांग की. जिसके बाद ग्राम पंचायत में राजसमंद जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल के आदेश पर प्रशासन की ओर से शराबबंदी लागू करने के लिए कानूनी प्रक्रिया अपनाने का कदम उठाया गया. शराबबंदी के लिए प्रशासन ने राजीव गांधी सेवा केंद्र पर मतदान करवाया. जिसमें कुल 2307 महिलाओं-पुरुषों ने अपने वोट का प्रयोग किया. थानेटा ग्राम पंचायत में ग्रामीणों ने अपने ग्राम को नशा मुक्त करने के लिए पूरे उत्साह साथ मतदान किया.
सुबह से ही ग्रामीणों की भीड़ सेवा केंद्र पर दिखाई दी. युवाओं की टोलियों ने विभिन्न वाहनों से मजरा ढाणियों में से लोगों को मतदान करने के लिए लाया गया. अहमदाबाद, सूरत आदि स्थानों से भी कही लोग शराबंदी के पक्ष में मतदान करने के लिए पहुंचे थे.
शराबबंदी लागू करने के लिए हुए सुबह आठ बजे से मतदान शरू हुआ और शाम 5 बजे तक मतदान किया गया. जिसमें कुल 2307 लोगों ने अपने मत का प्रयोग किया. मतगणना में जहां शराबबंदी लागू करने के लिए 2206 मतदाताओं ने वोट किया. वहीं 40 मत रिजेक्ट हुए. 61 लोगों ने ग्राम पंचायत में शराब का ठेका लगाने के पक्ष में मतदान किया, लेकिन यह आंकड़ा काफी कम रहा.