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उत्तराखंड के बीजेपी विधायक भरत चौधरी का ग्रामीणों ने फाड़ा पोस्टर, MLA का चढ़ा पारा

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Published : Sep 1, 2021, 9:41 PM IST

रुद्रप्रयाग के जसोली में हरियाली खेल महोत्सव में ग्रामीणों और विधायक भरत चौधरी के बीच तीखी नोकझोंक हुई. सड़क निर्माण की मांग को लेकर अड़े ग्रामीणों ने विधायक चौधरी के पोस्टर तक फाड़ डाले. जिससे विधायक चौधरी का पारा चढ़ गया और पूर्व प्रधान को जेल भेजने की धमकी दे डाली.

विधायक भरत चौधरी का ग्रामीणों ने फाड़ा पोस्टर
विधायक भरत चौधरी का ग्रामीणों ने फाड़ा पोस्टर

रुद्रप्रयाग :हरियाली खेल महोत्सव में बीजेपी विधायक भरत सिंह चौधरी को ग्रामीणों के गुस्से का सामना करना पड़ा. ग्रामीणों ने जीआईसी-चमकोट मोटर मार्ग का निर्माण न होने पर विधायक चौधरी के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की. इतना ही नहीं ग्रामीणों ने नारेबाजी कर महोत्सव में लगे विधायक के सभी फोस्टर फाड़ डाले. ग्रामीणों का आरोप है कि विधायक ने पूर्व प्रधान को जेल भेजने की धमकी दी है. वहीं, मामले में विधायक भरत चौधरी ने सफाई दी है.

दरअसल, नव युवक मंगल दल जसोली की ओर से हरियाली खेल महोत्सव का आयोजन किया गया था. जिसका शुभारंभ करने विधायक भरत सिंह चौधरी पहुंचे थे. इस दौरान ग्वाड़ के ग्रामीणों का एक शिष्टमंडल पूर्व प्रधान रतन सिंह के नेतृत्व में जीआईसी-चमकोट सड़क निर्माण को लेकर विधायक के पास पहुंचा. अचानक से पूर्व प्रधान और विधायक के बीच गहमागहमी हो गई.

विधायक भरत चौधरी का ग्रामीणों ने फाड़ा पोस्टर

'सड़क का निर्माण कभी नहीं होगा'

बताया जा रहा है कि विधायक ने पूर्व प्रधान को जेल में डालने तक की धमकी दे डाली. जबकि उन्होंने यह भी कहा कि इस सड़क का निर्माण कभी नहीं होगा और वह इस सड़क का निर्माण होने नहीं देंगे. जिसके बाद विधायक वहां से चलते बने. इससे गुस्साए ग्रामीणों ने महोत्सव में लगे विधायक के सभी पोस्टर फाड़ डाले.

घटना के बाद से मामला पूरी तरह राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है. जसोली में खेल महोत्सव का आयोजन युवक मंगल दल ने किया. समिति से बात करने से पता चला कि विधायक भरत सिंह चौधरी ने इस पूरे आयोजन के लिए एक लाख रुपए की धनराशि दी है, जिसमें खेल महोत्सव समिति की ओर से विधायक के पोस्टर यहां लगाए गए.

जसोली की प्रधान अर्चना चमोली ने विधायक के पोस्टरों में फोटो लगाने से मना किया और उन्होंने अपनी फोटो आयोजकों को नहीं दी. उन्होंने कहा कि वे कार्यक्रम में मौजूद नहीं थी, लेकिन ग्रामीण बाद में उनके पास आए थे. ग्रामीणों ने उन्हें पूरी घटना से वाकिफ करवाया. उन्होंने कहा कि विधायक को जनता ने चुना है और उन्हें जनता पर पावर नहीं दिखानी चाहिए.

ग्रामीणों का आरोप- विधायक ने गलत शब्दों का किया प्रयोग

ग्रामीणों का कहना है कि अगर जनता ने किसी भी तरह की गलती की थी तो इस पर संयम बरतते हुए बात की जानी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने जनता को जेल में डालने की धमकी दी और गलत शब्दों का प्रयोग भी किया. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. साथ ही कहा जिस सड़क की मांग के लिए ग्रामीण उनके पास गए थे, वह ग्वाड़ के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण सड़क है.

उनका कहना है कि बीमार, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक पहुंचने में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, जबकि आंगनबाड़ी केंद्र तक बच्चों को ले जाने में भारी दिक्कतें होती हैं. बीते लंबे समय से इस सड़क की मांग की जा रही है, लेकिन अब तक मार्ग का निर्माण कार्य नहीं हो सका है.

क्यो बोले विधायक?

पूरे मामले में विधायक भरत सिंह चौधरी का कहना है कि उन्होंने किसी भी ग्रामीण को किसी भी प्रकार की धमकी नहीं दी है. सड़क को लेकर वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया चल रही है. एक पूर्व प्रधान है, जो काफी आपराधिक प्रवृत्ति का है.

विधायक चौधरी ने आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व प्रधान की ओर से एक एजेंडे के तहत बदतमीजी की जा रही थी. पूर्व प्रधान ने कई निर्माण कार्यों में गबन किया है, जिसको लेकर जेल में भेजने की बात कही गई. विधायक ने कहा वे जसोली के विकास को लेकर हमेशा कटिबद्ध हैं.

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