रायपुर :अपराधियों को सजा देने के लिए छत्तीसगढ़ स्थित कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर ब्लॉक के पिच्चेकट्टा में उप जेल बनाया गया, लेकिन इस नए जेल में हाथियों के उत्पात के कारण अपराधियों से पहले इलाके के ग्रामीणों को शरण लेनी पड़ रही है. पिछले 4 से 5 दिनों से 7 पारा के करीब 400 लोग कई किलोमीटर पैदल चलकर उप जेल पहुंच रहे हैं और रात इसी जेल में गुजार रहे हैं.
दरअसल भानुप्रतापपुर से 10 किलोमीटर दूर पिच्चेकट्टा में एक हाथियों का दल पिछले 15 दिनों से घूम रहा है. ग्रामीण के अनुसार इस दल में 28 से 30 हाथी हैं. जो धीरे-धीरे गांव के करीब पहुंच रहे हैं. कई गांवों में हाथियों ने उत्पात भी मचाना शुरू कर दिया है. हाथी दिन के समय जंगल में आराम करते हैं और रात को गांवों में आकर फसल और घरों को नुकसान पहुंचाते हैं. लिहाजा डर के मारे ग्रामीण शाम को ही अपना घर छोड़कर उप जेल में शरण लेने पहुंच जाते हैं.
'आधी कैद' में 400 ग्रामीणों की जिंदगी
हाथियों के डर से क्षेत्र के लगभग 400 ग्रामीण निर्माणधीन उप जेल में शरण लेने को मजबूर हैं. ग्रामीण दिन के समय अपने घरों में रहते है, घरों और खेती का काम निपटाते हैं. दोपहर के बाद ही अपना खाना-बिस्तर और बच्चों के साथ निर्माणधीन उप जेल भवन पहुंच जाते हैं और यहीं रात गुजारते हैं. इसके लिए उन्हें कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है. ग्रामीण बताते हैं कि कभी उन्होंने सोचा नहीं था कि उनके जीवन में ऐसे भी दिन आएंगे कि उन्हें जेल में आकर रहना पड़ेगा.
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दुधमुंही बच्ची के साथ कई किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचती हैं जेल
पिच्चेकट्टा की ग्रामीण सरिता उइके बताती हैं कि चार-पांच दिनों से हाथियों के उत्पात से परेशान हैं इसलिए बच्चे को लेकर जेल भवन में आकर रहती हैं. बच्चा यहां परेशान होता है लेकिन उनके पास कोई दूसरा रास्ता भी नहीं है.