हैदराबाद : गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने राज्यपाल आचार्य देवव्रत से मिलकर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया. इसके साथ ही गुजरात में राजनीतिक हलचल काफी तेज हो गई है. बता दें कि रूपाणी ने विधानसभा चुनाव से 15 महीने पहले यह बड़ा फैसला लिया. इस दौरान रूपाणी ने कहा कि पार्टी में समय के साथ दायित्व बदलते रहते हैं. बीजेपी में यह स्वभाविक प्रक्रिया है. ऐसे में सवाल कि आखिर क्या कारण रहे हैं, जिसके चलते विजय रुपाणी को सीएम पद छोड़ना पड़ा. वहीं छह महीने में तीन राज्यों के सीएम बदले गए हैं.
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में मुंह की खाने के बाद बीजेपी ने अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है. अगले साल सात राज्यों में चुनाव होने हैं. जिन राज्यों में पहले से ही बीजेपी की सरकार है, वहां पार्टी मजबूत क्षत्रप रखना चाहती है. क्योंकि 2022 विधानसभा चुनाव ही 2024 की दशा और दिशा तय करेगा. इसी का नतीजा है कि बीजेपी ने उत्तराखंड, कर्नाटक के बाद अब गुजरात में सीएम बदला है, ताकि 2022 के चुनाव में मजबूत चेहरे के सहारे कमल खिला सकें और यह कमल 2024 में भी कमाल दिखा सके. क्योंकि बीजेपी अभी से 2024 की तैयारी में जुट गई है.
बीजेपी को मजबूत क्षत्रप चाहिए
बताया जा रहा है कि बीजेपी ने अंदरखाने एक सर्वे कराया है, सर्वे के आधार पर ही इस बदलाव को देखा जा रहा है. बीजेपी शासित राज्य में सीएम की सियासत में कमजोरी या विरोध के कारण कुर्सी गंवानी पड़ी. चूकिं 2022 विधानसभा चुनाव नजदीक है ऐसे में बीजेपी को अब राज्य में मजबूत नेतृत्व की जरूरत है, जिसके दम पर राज्य के चुनावी नैया पार हो सके. बीजेपी विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी के चेहरे को आगे नहीं करना चाहती है, बल्कि राज्य के नेतृत्व के दम पर चुनाव लड़ना चाहती है.
उत्तराखंड में बदले दो सीएम
साल 2017 के चुनाव में उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने रिकॉर्ड तोड़ जीत दर्ज की थी. कहा यह भी जाता है कि दिल्ली की सत्ता उत्तर प्रदेश से ही तय होती है. पिछली बार यहां बीजेपी को 312 सीटों पर जीत मिली थी. उत्तराखंड की बात करें तो इस साल मार्च में यहां बीजेपी ने अपना सीएम बदला था. त्रिवेंद्र सिंह रावत को सीएम के पद से हटा कर तीरथ सिंह रावत को कमान दी गई. फिर तीरथ सिंह रावत से कमान लेकर पुष्कर सिंह धामी को कमान दी गई. पिछली बार यहां बीजेपी को 57 सीटों पर जीत मिली थी. मणिपुर में भी साल 2022 में विधानसभा चुनाव आयोजित होने हैं. फिलहाल 60 विधानसभा सीटों वाले मणिपुर में भाजपा सत्ता में है. मणिपुर में 19.58 लाख वोटर्स हैं. गोवा में 11.45 लाख मतदाता हैं.