नई दिल्ली: मणिपुर में अशांति पैदा करने के लिए उग्रवादी कार्यकर्ताओं द्वारा म्यांमार से हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी के लिए लंबी सीमा का उपयोग किए जाने की खुफिया रिपोर्टों मिली है. जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियों को 1643 किलोमीटर लंबी भारत-म्यांमार सीमा पर अपनी गश्त तेज करने का निर्देश दिया गया है. खुफिया रिपोर्टों से पता चला है कि अस्थिर मणिपुर में अराजकता पैदा करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले हथियारों की तस्करी म्यांमार के रास्ते की गई थी.
यह घटनाक्रम हाल ही में नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) की मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (Manipur Chief Minister N Biren Singh) और राज्यपाल अनुसुइया उइके (Governor Anusuia Uikey) से मुलाकात के बाद हुआ. बता दें कि भारत और म्यांमार 1643 किमी लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करते हैं जो पूर्वोत्तर के चार राज्यों अरुणाचल प्रदेश (520 किमी), नागालैंड (215), मणिपुर (398) और मिजोरम (510) से होकर गुजरती हैं. वहीं चंदेल, चुराचांदपुर, कामजोंग, टेंग्नौपाल और उखरुल सहित मणिपुर के पांच जिले म्यांमार के साथ अपनी सीमा साझा करते हैं.
गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में कहा था कि म्यांमार सीमा पर 10 किमी की बाड़ लगाने का काम पूरा हो चुका है, जबकि 80 किमी सीमा पर बाड़ लगाने का टेंडर का काम पूरा हो चुका है और शेष सीमा का सर्वेक्षण चल रहा है. इस बारे में एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि 3 मई को मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद से उग्रवादियों का एक बड़ा समूह पहले ही म्यांमार में अपने ठिकानों से मणिपुर में घुस चुका था.