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BPSC Toppers: विद्यासागर की कामयाबी का मूलमंत्र- 'सफलता का कोई शॉर्ट कट नहीं होता'

सुपौल के विद्यासागर ने पहले ही प्रयास में बीपीएससी में दूसरी रैंक लाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. बेटे की उपलब्धि से विद्यासागर के पिता भी गदगद हैं. देखिए ये रिपोर्ट.

विद्यासागर की कामयाबी
विद्यासागर की कामयाबी

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Published : Jun 8, 2021, 12:19 AM IST

सुपौल:बिहार लोक सेवा आयोग की 64वीं सिविल सेवा परीक्षा में शिक्षक हरिनंदन यादव के बेटे विद्यासागर ने दूसरा स्थान हासिल कर सुपौल जिले का नाम रोशन किया है. सदर प्रखंड अंतर्गत हरदी निवासी विद्यासागर ने पहले ही प्रयास में ये उपलब्धि हासिल की. प्राथमिक विद्यालय सरही मलिकाना में शिक्षक के रूप में कार्यरत हरिनंदन यादव के बेटे विद्यासागर ने बीपीएससी में दूसरी रैंक लाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है.

बचपन से ही मेधावी रहे विद्यासागर
विद्यासागर की प्रारंभिक शिक्षा पिपरा प्रखंड के रामनगर पंचायत स्थित तुलानाथ पब्लिक स्कूल में हुई. जिसके बाद उसने नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की. मैट्रिक की परीक्षा स्थानीय नवोदय विद्यालय से वर्ष 2010 में 9.4 सीजीपीए अंक प्राप्त कर उत्तीर्ण की. जिसके बाद उन्होंने भागलपुर जवाहर नवोदय विद्यालय से इंटर की परीक्षा पास किया. जिसमें उन्हें 95.85 प्रतिशत अंक हासिल हुए.

देखिए ये रिपोर्ट

विद्यासागर भारतीय रेल में कार्यरत
तमिलनाडु के तिरजी स्थित एनआईटी से बीटेक कर 2017 में मैकेनिकल इंजीनियर बने और इसके साथ ही उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. फिलहाल विद्यासागर हैदराबाद रेल सेवा में अपना योगदान दे रहे हैं. विद्यासागर तीन भाई-बहन में सबसे बड़े हैं. उनका छोटा भाई कंप्यूटर साइंस से स्नातक की पढ़ाई कर रहा है. जो इस साल फाइनल इयर में है. वहीं, छोटी बहन कोमल कुमारी जवाहर नवोदय विद्यालय सुपौल में 12वीं की छात्रा है. इस बारे में बीपीएससी के सेकेंड टॉपर विद्यासागर का कहना है कि कड़ी मेहनत और लगन से कोई भी मंजिल हासिल की जा सकती है. छात्रों को एनसीईआरटी की पुस्तकों पर ही फोकस रखना चाहिए. मुश्किल वक्त में प्रतियोगी छात्रों को अपना पेसेंश नहीं खोना चाहिए

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'सफलता का कोई शॉर्ट कट नहीं होता'
विद्यासागर के पिता हरिनंदन यादव ने बताया कि वर्तमान में विद्यासागर भारतीय रेल सेवा में कार्यरत हैं. उन्होंने अब तक यह निर्णय नहीं लिया है कि उन्हें बिहार प्रशासनिक सेवा में कार्य करना है या रेल सेवा में ही सेवा देना है. उनका लक्ष्य यूपीएससी में प्रथम स्थान हासिल करना है. विद्यासागर की मां पावित्री देवी ने बताया कि विद्यासागर बचपन से ही मेधावी छात्र रहा है. विद्यासागर ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता, परिजन व गुरूजनों को दिया. बीपीएससी में दूसरा स्थान हासिल करने वाले छात्रों एवं युवाओं को संदेश देते उन्होंने कहा कि सफलता का कोई शॉर्ट कट नहीं होता है.

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