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उपराष्ट्रपति नायडू ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के प्रति रवैये में बदलाव लाने का किया आह्वान - attitude towards Indias North East

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने हाल ही में पूर्वोत्तर भारत के बारे में अपनी बात रखी. उन्होंने इस बात पर निराशा जताई कि शानदार स्थान होने के बावजूद पूर्वोत्तर के बारे में आज तक बाकी के भारत में सामान्य रवैया व्यापक पैमाने पर अनभिज्ञता वाला, प्रशंसा न करने वाला और रूढ़िबद्ध रहा है. पढ़ें पूरी खबर...

उपराष्ट्रपति नायडू
उपराष्ट्रपति नायडू

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Published : Oct 10, 2021, 9:22 PM IST

नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने इस बात पर निराशा जताई कि शानदार स्थान होने के बावजूद पूर्वोत्तर के बारे में आज तक बाकी के भारत में सामान्य रवैया व्यापक पैमाने पर अनभिज्ञता वाला, प्रशंसा न करने वाला और रूढ़िबद्ध रहा है. उन्होंने रविवार को लोगों से पूर्वोत्तर क्षेत्र की सुंदरता और सांस्कृतिक संपन्नता का दीदार करने के लिए इस क्षेत्र का दौरा करने का अनुरोध किया.

2019 में पूर्वोत्तर राज्यों का बेहतर प्रदर्शन

उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के आठ राज्यों में से सात ने 2019 में देश के मानव विकास सूचकांक (Human Development Index - HDI) से बेहतर प्रदर्शन किया. उन्होंने पूछा, लेकिन हममें से कितने लोग यह जानते हैं?

महिलाओं के लिए नागालैंड सबसे सुरक्षित राज्य

नायडू ने कहा कि इस क्षेत्र से बाहर के ज्यादातर लोग यह नहीं जानते होंगे कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau - NCRB) की रिपोर्ट में नागालैंड को भारत में महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित राज्य पाया गया है.

पूर्वोत्तर ने दिए मीराबाई चानू जैसे दुर्लभ रत्न

उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि असम अपनी चाय और रेशम के लिए विश्व विख्यात है जबकि देश की महज 0.24 प्रतिशत आबादी वाले राज्य मिजोरम से अच्छी-खासी संख्या में अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी निकलते हैं. उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, अपने नाम के अनुरूप 'रत्नों की इस भूमि' ने हमें मैरी कॉम और मीराबाई चानू जैसे दुर्लभ रत्न दिए हैं, जिन्होंने भारत को गौरवान्वित किया है.

भविष्य में होगा उग्रवाद मुक्त पूर्वोत्तर

उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के सात दिवसीय दौरे के बाद वह यह आश्वस्त करके लौटे हैं कि पूर्वोत्तर पुनरुत्थान के एक नये दौर से गुजर रहा है. उन्होंने कहा, मेरी इस क्षेत्र के लोगों, उनके मामलों, आकांक्षाओं, चुनौतियों और अवसरों को लेकर बेहतर समझ बनी है. सबसे अच्छी बात है कि क्षेत्र में उग्रवाद कम हो रहा है. मुझे विश्वास है कि पूर्वोत्तर क्षेत्र विभिन्न विकासात्मक पहलों और शांति एवं प्रगति के लिए लोगों की इच्छा के मद्देनजर निकट भविष्य में पूरी तरह उग्रवाद से मुक्त हो जाएगा.

पूर्वोत्तर क्षेत्र का दौरा करने का अनुरोध

नायडू ने देश के अन्य हिस्सों के लोगों से पूर्वोत्तर क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक संपन्नता देखने के लिए क्षेत्र का दौरा करने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा, 'लेकिन यह निराशाजनक है कि इतना शानदार स्थान होने के बावजूद पूर्वोत्तर के बारे में आज तक बाकी के भारत में सामान्य रवैया व्यापक पैमाने पर अनभिज्ञता वाला, प्रशंसा न करने वाला और रूढ़िबद्ध रहा है. इसमें बदलाव होना चाहिए.

'पूर्वोत्तर राज्यों से सीखने की आवश्यकता'

उन्होंने कहा, 'हमें पूर्वोत्तर राज्यों से काफी कुछ सीखने की आवश्यकता है. कुछ वक्त पहले मैंने मिजोरम के आइजोल में एक सड़क का वीडियो देखा था और यह देखकर खुशी हुई कि मोटर चालक स्थान पर कोई ट्रैफिक पुलिसकर्मी न होने के बावजूद भी यातायात के सख्त नियमों का पालन कर रहे हैं. भारत के अन्य बड़े शहरों में यह दुर्लभ ही देखने को मिलता है.

पढ़ें :पूर्वोत्तर में विकास के नए युग की शुरुआत हो रही है : नायडू

उपराष्ट्रपति ने कहा कि हालांकि वह क्षेत्र के सभी राज्यों का दौरा करना चाहते थे लेकिन वह मिजोरम नहीं गए ताकि राज्य प्रशासन कोविड-19 के बढ़ते मामलों से निपटने पर ध्यान केंद्रित कर सकें.

उन्होंने बताया कि वह 20 अक्टूबर से सिक्किम और दार्जिलिंग के तीन दिवसीय दौरे पर जाएंगे.

(पीटीआई-भाषा)

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