नेल्लोर :देशभर में तेजी से अपने पैर पसार रहे कोरोना ने कई जिंदगियों को लील लिया. वहीं कई अब भी इसकी गिरफ्त में हैं, तो कई इससे जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं. इस बीच देशभर की विभिन्न राज्य सरकारें लोगों जागरुक करने और जान की सलामती के लिए लॉकडाउन समेत कई गाइडलाइन का सहारा ले रही है, ताकि महामारी के इस तांडव पर काबू पाया जा सके, लेकिन इसके बावजूद कुछ नेताओं, तो कुछ लोगों के चलते इस महामारी को बढ़ावा मिल रहा है. हम बात कर रहे हैं आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले की, जहां कोरोना के उपचार के लिए मिल रही आयुर्वेदिक दवा को पाने के लिए हजारों की संख्या में हुजूम लॉकडाउन के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए इकट्ठा हो गया.
विधायक की लापरवाही पड़ी भारी, हजारों में उमड़ी भीड़
दरअसल, नेल्लोर (Nellore) जिले के कृष्णापट्टनम गांव (krishnapatnam) में सर्वेपल्ली इलाके के सत्ताधारी पार्टी के विधायक काकानी गोवर्धन (Kakani Govardhan) ने हाल ही में दवा वितरण की घोषणा की थी, जिसके बाद आज (शुक्रवार-21मई) सुबह से ही हजारों की संख्या में भीड़ इकट्ठी होने लगी. हैरानी की बात है कि इस संबंध में जिला कलेक्टर के मनाही के बाद भी आज स्थानीय विधायक काकानी गोवर्धन रेड्डी कृष्णापट्टनम गांव पहुंचे और आनंदयया को समर्थन दिया. हद तो तब हो गई जब उन्होंने दवा देने का शुभारंभ भी कर दिया.
प्रदेश सरकार ने एक तरफ इस दवा की क्षमता की जांच के लिए आईसीएमआर से सिफारिश की है तो दूसरी ओर एक्सपर्ट्स की एक टीम भी नेल्लोर जिले भेजने का फैसला लिया है. उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी आयुष मंत्री किरेन रिजिजू और आईसीएमआर के निदेशक बलराम भार्गव से दवा को लेकर स्टडी कराने को कहा है. उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि इस संबंध में जल्द से जल्द रिपोर्ट पेश की जाए. सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने कोरोना पर हुई हाई लेवल मीटिंग में इस संबंध में बात की. राज्य में स्वास्थ्य के मामलों को देखने वाले हेल्थ मिनिस्टर एकेके श्रीनिवास ने कहा, हमने इस दवा की क्षमता का पता लगाने के लिए आईसीएमआर और अन्य एक्सपर्ट्स से जांच कराने का फैसला लिया है.
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कलेक्टर के मनाही के बाद भी विधायक ने की अपील
बता दें कि विधायक काकानी गोवर्धन ने दवा वितरण के संबंध में जिला कलेक्टर से बात की थी, लेकिन इसके बावजूद जिला कलेक्टर ने आधिकारिक रूप से आनंदयया को कृष्णपटनम गांव में दवा बांटने की अनुमति नहीं दी थी. इस बीच गुरुवार शाम चारों ओर यह अफवाह फैल गई कि जिला कलेक्टर की तरफ से अगले दिन सुबह (शुक्रवार) से आयुर्वेदिक दवा बांटने की अनुमति दे दी गई है.
भारी भीड़ ने महामारी को दी हवा
कृष्णापट्टनम गांव में लॉकडाउन के नियमों को ताक पर रख हजारों की संख्या में उमड़ी भीड़ ने हंगामा मचा दिया. इस दौरान गांव में हालात बद से बदतर हो गए. चारों ओर उमड़ी भीड़ को कोरोना का डर कम और महामारी से इलाज की दवा पाने की चाह ज्यादा थी. इस दौरान लोगों के जहन से ये बात भी हवा हो गई कि वो जिस दवा को लेने यहां पहुंचे हैं, उसमें सोशल डिस्टेंसिंग अहम नियम है, लेकिन इससे परे गांव में उफनती भीड़ दवा पाने के लिए लंबी-लंबी कतारों में तब्दील हो गई.