नई दिल्ली: कपड़ा मंत्रालय द्वारा सोमवार को आयोजित शिल्प गुरु और राष्ट्रीय पुरस्कारों को संबोधित करते हुए और भारत के पारंपरिक हस्तशिल्प और हथकरघा क्षेत्र की प्रशंसा करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इन शिल्पकारों और शिल्पकारों की कड़ी मेहनत की सराहना की और कहा कि 'हमारे शिल्पकार दुनिया में भारत की विरासत के दूत हैं.' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, उपराष्ट्रपति ने अपनी टिप्पणी में कहा कि भारत पहले की तुलना में तेजी से आगे बढ़ रहा है.
उन्होंने कहा कि 'हम निवेश और अवसर के लिए विश्व स्तर पर सबसे पसंदीदा गंतव्य हैं. हस्तशिल्प और हथकरघा क्षेत्र से जुड़े शिल्पकारों ने इस वृद्धि में अपनी भूमिका निभाई है.' ऐसे समय में जब मोदी सरकार 'मेक इन इंडिया' पहल को बढ़ावा दे रही है, पारंपरिक हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र इस बहुचर्चित पहल के तहत एक प्रमुख क्षेत्र है.
कारीगरों की शिल्प कौशल के बारे में बात करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि इस तरह के परिष्कृत कौशल भारत को गौरवान्वित करते हैं और कहा कि 'प्रधान मंत्री मोदी अपनी विदेश यात्राओं के दौरान ऐसे पारंपरिक शिल्प कार्य का उपहार देते हैं, जो भारत की समृद्ध और विविध संस्कृति को दर्शाता है.' उपराष्ट्रपति ने महामारी की उस अवधि का उल्लेख किया, जब भारत ने हमारे लोगों को 3 बिलियन टीके उपलब्ध कराकर दुनिया को पीछे छोड़ दिया था और इसे टीकाकरण कार्यक्रम की डिजिटल मैपिंग द्वारा समर्थित किया गया था.