श्रीगंगानगर/जोधपुर.देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शनिवार को राजस्थान के श्रीगंगानगर और जोधपुर दौरे पर रहे. इस दौरे के दौरान उपराष्ट्रपति ने सीएम अशोक गहलोत की ओर से उनके दौरों को लेकर उठाए गए सवाल पर इशारों में जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि अगर किसानों के कल्याण के लिए कहीं जाता हूं तो कुछ लोगों को आपत्ति क्यों होती है?
किसी को क्यों होती है आपत्ति : उपराष्ट्रपति शनिवार को सबसे पहले राजस्थान के श्रीगंगानगर पहुंचे. यहां उन्होंने सूरतगढ़ स्थित केंद्रीय कृषि फार्म में कृषि यंत्रों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया. इस दौरान किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि वह किसान पुत्र हैं. देश के उपराष्ट्रपति बनकर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. वह जानते हैं कि किसानों को किस तरह की समस्या आ रही है. किसानों के कल्याण के लिए वह जगह-जगह दौरा कर रहे हैं, लेकिन इससे कुछ लोगों को आपत्ति क्यों होती है?. उन्होंने कहा कि इन सब बातों से उन्हें पीड़ा होती है, लेकिन वह इन सब की परवाह नहीं करेंगे और किसानों के कल्याण के लिए जाएंगे. वहीं, उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री कैलाश चौधरी से कहा कि वह राजस्थान की मूंगफली को प्रमोट करें. यहां देश में दूसरे नंबर पर सर्वाधिक मूंगफली का उत्पादन होता है, इसलिए राजस्थान की मूंगफली की ब्रांडिंग करें, जिससे राजस्थान का नाम देश और विदेश में ऊंचा होगा. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ विशेष विमान से दिल्ली से सूरतगढ़ एयरबेस पहुंचे.
मेरी यात्राओं को लेकर अनर्गल बात :उपराष्ट्रपति श्रीगंगानगर से जोधपुर स्थित केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) पहुंचे. यहां कृषक-वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि कोई कितना भी प्रयास कर ले मुझे रोकने की, लेकिन मैं किसानों के बीच आता रहूंगा. यह मेरा मौलिक दायित्व है और कर्तव्य भी है. उन्होंने कहा कि मुझे समझ में नहीं आता कि कृषक पुत्र का किसान के प्रति प्रेम, किसान के प्रति समर्पण कुछ लोगों को रास क्यों नहीं आ रहा है? प्रदेश में मेरी यात्राओं को लेकर अनर्गल बात करना मुझे अच्छा नहीं लगता.
'थारो बेटो थारे बीच आतो रेवेगो': उन्होंने कहा कि मैं आपको आश्वासन देता हूं, आपका कृषक पुत्र हर परिस्थिति में कर्तव्य पथ पर आपके काम के लिए सजग रूप से आगे बढ़ता रहेगा, चाहे कोई बयान बाजी करे. इसमें किसी प्रकार के व्यवधान को हम मंजूर नहीं करेंगे. उन्होंने मारवाड़ी में कहा 'थे चिंता मत करियों, कोई कित्ती भी टोका टाकी कर ले, बयानबाजी कर ले, हथकंडा अपना ले में आतो रहूंगो. थारो बेटो हर हद तक थार बीच आतो रेवेगो, जिन मैसेज मिलनो है मिल जासी'. उन्होंने कहा कि इतनी बड़े पद की गरिमा को छोटी सोच में खराब मत करो. राजनीतिक अखाड़े में मत फसाओ. मैं सोचता हूं वे सही रास्ते पर आ जाएंगे.