भोपाल। देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि "भारत में जब कुछ अच्छा हो तो कुछ लोगों का हाजमा खराब हो जाता है. ये लोग मौका देखते हैं कि भारत को कैसे कलंकित करें. उन्होंने संसद के गतिरोध को लेकर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि राज्यसभा के सभापति की हैसियत से मैं लगातार ये प्रयास कर रहा हूं कि वहां डायलॉग डिबेट डिस्कशन डेलिब्रेशन होना चाहिए. लेकिन हो क्या रहा है, डिस्टर्बेंस और डिस्रप्शन. उपराष्ट्रपति ने कहा कि ऐसा कभी नहीं हुआ, उन्होंने तो बहुत क्लिष्ट मुद्दों का समाधान ढूंढा, विचार विमर्श किया. मतभेदों को खत्म किया, कभी नारे नहीं लगे. प्ले कार्ड नहीं देखे. अब दिख रहा है पर मीडिया में इसका असर नहीं है.
जगदीप धनखड़ ने कहा कि ये जनांदोलन बनना चाहिए आपके प्रतिनिधि कैसे ऐसा आचरण कर सकते हैं. उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मीडिया सजग है, तो देश गदगद है. संसद का ही उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जितनी अभिव्यक्ति की आजादी भारत की संसद में है. दुनिया के किसी कोने में नहीं है. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में आयोजित दीक्षांत समारोह में वर्ष 2018 से 2022 के छात्रों को डिग्री प्रदान की.
आप चर्चा तो करें आधी रात तक चर्चा कराऊंगा: मौका भले माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में आयोजित दीक्षांत समारोह का था, लेकिन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ संसद से लेकर पत्रकारिता के संस्कार तक हर मुद्दे पर खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि जो अभिव्यक्ति की आजादी भारत के संसद में है, दुनिया के किसी कोने में नहीं है.