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Vice President Election 2022, वोटों की गिनती खत्म, जल्द नतीजे का होगा ऐलान

आज देश को नया उप राष्ट्रपति मिलने वाला है. मतदान सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक चला. एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ और मार्गरेट अल्वा के बीच टक्कर है. वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है. अब कभी भी नतीजे घोषित किए जा सकते हैं. वहीं एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ की जीत तय मानी जा रही है, इसलिए बीजेपी कार्यकर्ता अभी से जश्न मना रहे हैं. वहीं बीजेपी कार्यालय में भी जश्न की तैयारियां हो रही हैं. नए उपराष्ट्रपति 11 अगस्त को पद की शपथ लेंगे.

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आज VP का चुनाव, जगदीप धनखड़ और मार्गरेट अल्वा के बीच टक्करEtv Bharat

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Published : Aug 6, 2022, 7:38 AM IST

Updated : Aug 10, 2022, 7:27 PM IST

नई दिल्ली :देश में आज उप राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव को लेकर मतदान संपन्न हो चुका है और वोटों की गिनती शुरू हो गई है. एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ पश्चिम बंगाल गेस्ट हाउस से अपनी गाड़ी में निकल कर प्रहलाद जोशी के घर पहुंचे हैं. सूत्रों से पता चला है कि जगदीप धनखड़ आगे चल रहे हैं. इधर, केंद्रीय संसदीय मंत्री प्रल्हाद जोशी उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर अपनी पार्टी के उम्मीदवार की जीत को लेकर आश्वस्त दिखे. उन्होंने उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर कहा, "मैं विवरण में नहीं जाना चाहता मैं केवल यह बता सकता हूं कि हमारे उम्मीदवार (उपराष्ट्रपति पद के) जगदीप धनखड़ रिकॉर्ड मार्जिन के साथ जीतेंगे."

इससे पहले सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना वोट डाला. उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए शनिवार को समाजवादी पार्टी के 2, शिवसेना के 2 और बीएसपी के 1 सांसद ने मतदान नहीं किया. वहीं बीजेपी के सन्नी देयोल और संजय धोत्तरे स्वास्थ्य कारणों से मतदान नहीं कर पाए. कुल 725 सांसदों ने मतदान किया है. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के सन्नी देयोल और संजय धोत्तरे ने स्वास्थ्य कारण मतदान नहीं कर पाए. TMC ने चुनाव में मतदान नहीं करने का फैसला किया था, लेकिन शेवेंदु अधिकारी के पिता शिशिर अधिकारी और दिब्येंदु अधिकारी ने मतदान किया यानी की टीएमसी 34 सांसदों ने मतदान नहीं किया.

उप राष्ट्रपति पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की ओर से जगदीप धनखड़ उम्मीदवार हैं. वहीं, विपक्ष की ओर से मार्गरेट अल्वा खड़ी हैं. चुनाव और परिणाम आज ही घोषित कर दिए जाएंगे. राष्ट्रपति चुनाव के बाद सबकी निगाहें उप राष्ट्रपति पद पर टिंकी हैं. वोटों की गिनती आज ही की जाएगी और नए उपराष्ट्रपति 11 अगस्त को पद की शपथ लेंगे.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट डाला. पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस सांसद डॉ मनमोहन सिंह ने अपना वोट डालने संसद पहुंचे. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल और वी मुरलीधरन ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट डाले. वहीं, विपक्ष की उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा संसद पहुंचीं और अपने मताधिकार का प्रयोग किया. आप सांसद हरभजन सिंह, संजय सिंह, द्रमुक सांसद कनिमोझी और भाजपा सांसद रवि किशन ने वोट डाले.

आज उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव है. एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ और मार्गरेट अल्वा के बीच टक्कर है. आंकड़ों के लिहाज से देखा जाए तो पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल धनखड़ की जीत सुनिश्चित लग रही है. विपक्षी दलों में उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर मतभेद भी सामने आए हैं, क्योंकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने अल्वा के नाम की घोषणा से पहले सहमति नहीं बनाने की कोशिशों का हवाला देते हुए मतदान प्रक्रिया से दूर रहने की घोषणा की है.

देश के नए उपराष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए आज मतदान होगा. इसमें मुकाबला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ और विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा के बीच है. आंकड़ों के लिहाज से देखा जाए तो पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल धनखड़ की जीत सुनिश्चित लग रही है. विपक्षी दलों में उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर मतभेद भी सामने आए हैं, क्योंकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने अल्वा के नाम की घोषणा से पहले सहमति नहीं बनाने की कोशिशों का हवाला देते हुए मतदान प्रक्रिया से दूर रहने की घोषणा की है.

अस्सी वर्षीय अल्वा कांग्रेस की वरिष्ठ नेता हैं और वह राजस्थान के राज्यपाल के रूप में भी काम कर चुकी हैं. तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस), आम आदमी पार्टी (आप) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने अल्वा के समर्थन की घोषणा की है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने भी अल्वा का समर्थन किया है. धनखड़ 71 वर्ष के हैं और वह राजस्थान के प्रभावशाली जाट समुदाय से ताल्लुक रखते हैं.

उनकी पृष्ठभूमि समाजवादी रही है. जनता दल (यूनाईटेड), वाईएसआर कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, अन्नाद्रमुक और शिवसेना ने धनखड़ का समर्थन करने की घोषणा की है और इनके समर्थन से राजग उम्मीदवार को 515 के करीब मत मिलने का अनुमान जताया जा रहा है. अल्वा को अब तक मिले पार्टियों के समर्थन को देखते हुए अनुमान जताया जा रहा है कि उन्हें 200 के करीब मत मिल सकते हैं. मतदान से एक दिन पहले अल्वा ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘संसद के कामकाज को अगर प्रभावी बनाना है तो सांसदों को एक दूसरे के बीच विश्वास बहाली और टूट चुके संवाद को कायम करने के लिए रास्ते निकालने होंगे. अंतत: वह सांसद ही हैं, जो हमारी संसद का चरित्र निर्धारित करते हैं.'

उन्होंने कहा, ‘समय आ चुका है कि एक दूसरे के बीच विश्वास बहाली और संसद की गरिमा को बहाल करने के लिए सभी दल साथ आएं.' राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बृहस्पतिवार को अल्वा का समर्थन करने वाले सभी दलों के सांसदों के लिए रात्रि भोज का आयोजन किया था. धनखड़ ने शुक्रवार को अपने आवास पर भाजपा के सांसदों से मुलाकात की। इनमें सुशील कुमार मोदी, गौतम गंभीर, राज्यवर्धन राठौड़, राजेंद्र अग्रवाल भी शामिल थे.

संसद भवन में मतदान सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक होगा. इसके तुरंत बाद मतों की गिनती की जाएगी और देर शाम तक निर्वाचन अधिकारी द्वारा देश के नए उपराष्ट्रपति के नाम की घोषणा कर दी जाएगी. उपराष्ट्रपति के रूप में एम वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है और नए उपराष्ट्रपति 11 अगस्त को शपथ लेंगे.

ये भी पढ़ें- उपराष्ट्रपति चुनाव: शनिवार को मतदान, आंकड़े राजग उम्मीदवार धनखड़ के पक्ष में

लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्य उपराष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचक मंडल में शामिल होते हैं. इसमें मनोनीत सदस्य भी मतदान करने के पात्र होते हैं. संसद में सदस्यों की मौजूदा संख्या 788 है, जिनमें से केवल भाजपा के 394 सांसद हैं. जीत के लिए 390 से अधिक मतों की आवश्यकता होती है. धनखड़ यदि उपराष्ट्रपति निर्वाचित होते हैं, तो यह एक इत्तेफाक ही होगा कि लोकसभा के अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति एक ही राज्य के होंगे. वर्तमान में ओम बिरला लोकसभा अध्यक्ष हैं और वह राजस्थान के कोटा संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति भी होते हैं.

चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से होगा और चुनाव गुप्त मतदान के द्वारा होगा. इस प्रणाली में, निर्वाचक को उम्मीदवारों के नामों के सामने वरीयताएं अंकित करनी होती हैं. इस चुनाव में खुले मतदान की कोई अवधारणा नहीं है और राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति के चुनाव में किसी भी परिस्थिति में किसी को भी मतपत्र दिखाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है. वर्ष 1974 के नियमों में निर्धारित मतदान प्रक्रिया में यह प्रावधान है कि मतदान कक्ष में वोट पर निशान लगाने के बाद मतदाता को मतपत्र को मोड़कर मतपेटी में डालना होता है. मतदान प्रक्रिया के किसी भी उल्लंघन पर पीठासीन अधिकारी द्वारा मतपत्र को रद्द कर दिया जाएगा.

Last Updated : Aug 10, 2022, 7:27 PM IST

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