चंडीगढ़ (पंजाब) : तमिलनाडु के राज्यपाल रहे और वर्तमान में पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ( Punjab Governor Banwari Lal Purohit) ने शुक्रवार को दावा किया कि तमिलनाडु में कुलपति का पद 40-50 करोड़ रुपए में बिकता था. मीडिया से बातचीत में पुरोहित ने इन आरोपों का खंडन किया कि वह पंजाब में विश्वविद्यालयों के कामकाज में हस्तक्षेप कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विश्वविद्यालयों के मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती.
पुरोहित ने राज्य सरकार से सवाल किया कि यदि राज्यपाल की नियुक्ति में कोई भूमिका नहीं है तो विस्तार देने में उनकी भूमिका कैसे हो सकती है? इससे पहले पुरोहित ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से लुधियाना के पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ सतबीर सिंह गोसल को यह कहते हुए हटाने के लिए कहा था कि उनकी नियुक्ति गलत तरीके से हुई है.
इसी क्रम में उन्होंने बताया कि वह तमिलनाडु में चार साल तक राज्यपाल के पद पर थे. उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने तीन बार कुलपति को सेवा विस्तार देने के लिए पत्र भेजा था, यदि कुलपति की नियुक्ति राज्यपाल की कोई भूमिका नहीं है, तो विस्तार देने में भूमिका कैसे हो सकती है. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु का राज्यपाल रहते हुए उन्होंने 27 कुलपतियों की नियुक्ति की थी. राज्यपाल पुरोहित ने कहा कि मैं यह भी नहीं जानता कि पंजाब में कौन सक्षम है और कौन सक्षम नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं इसे शिक्षा में सुधार के हिसाब से देखता हूं.
बता दें कि सीएम भगवंत मान ने राज्यपाल पर सरकार के कामकाज में दखल देने का आरोप लगाते हुए पत्र लिखा था. उन्होंने राज्यपाल को पत्र लिखकर पीएयू के कुलपति की नियुक्ति के सरकार के फैसले के बारे में भी बताया था. वहीं पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों ने आम आदमी पार्टी को सत्ता में चुना है और राज्यपाल को हमारे काम में बाधा नहीं डालनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं राज्यपाल से भाजपा के लिए काम नहीं करने बल्कि संविधान की जिम्मेदारियों को निभाने की अपील करता हूं.
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