फरीदाबाद : कोरोना की तीसरी लहर से रक्षा व उसके विरुद्ध युद्ध के अलावा मठ-मंदिरों की मुक्ति का संकल्प विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय प्रन्यासी मण्डल व प्रबंध समिति की बैठक में लिया गया. इसके अलावा एक लाख से अधिक गांवों एवं शहरी बस्तियों में व्यापक जन-जागरण करने के साथ ही लोगों को इससे बचाव के प्रति जागरूक किए जाने व पीड़ित परिवारों की हर सम्भव मदद करने की बात कही गई.
रविवार को संपन्न हुई दो दिवसीय बैठक के बारे में विहिप कार्याध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी द्वारा इस बार बच्चों को विशेष निशाना बनाए जाने की संभावना को देखते हुए हम महिलाओं को विशेष प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने कहा कि संकट के समय में अकेली सरकार ही नहीं, सम्पूर्ण समाज एकजुट होगा तभी उससे मुक्ति मिलेगी.
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उन्होंने कहा कि अवैध मतांतरण एक राष्ट्रीय अभिशाष है, जिससे मुक्ति मिलनी ही चाहिए. इस पर रोक हेतु 11 राज्यों में तो कानून हैं किन्तु समस्या व षड़यंत्र राष्ट्रव्यापी है. इसलिए इसके लिए केन्द्रीय कानून बनना ही चाहिए तभी इससे मुक्ति मिल सकती है.
उन्होंने बताय कि बैठक में देशभर के मठ-मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण से मुक्ति हेतु भी एक प्रस्ताव पारित किया गया. इसमें विहिप कार्यकर्ताओं ने एक स्वर से अपील करते हुए केन्द्र सरकार से कहा है कि इस हेतु भी एक केन्द्रीय कानून बनाकर मठ-मंदिरों व धार्मिक संस्थाओं को सरकार नियंत्रण से मुक्ति दिलाकर हिन्दू समाज को सौंपा जाए. बैठक में लगभग 50 केन्द्रीय व क्षेत्रीय पदाधिकारी कोरोना नियमों का पालन करते हुए व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहे तथा शेष लगभग 350 प्रांतीय अधिकारी व भारत के बाहर के पदाधिकारी ऑनलाइन माध्यम से जुड़े.