नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद ने मोदी सरकार से कड़े धर्मांतरण विरोधी विधेयक लाने का आग्रह किया, जिहादी मानसिकता फैलाने के लिए टुकड़े-टुकड़े गिरोह और कट्टर मौलानाओं पर आरोप लगाया. केंद्र सरकार के सुप्रीम कोर्ट को यह बताने के 2 दिन बाद कि धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार में अन्य लोगों को किसी विशेष धर्म में परिवर्तित करने का मौलिक अधिकार शामिल नहीं है, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने गुरुवार को मोदी सरकार से 'लव जिहाद' के खतरे को रोकने के लिए एक कड़े कानून लाने और कट्टर मौलानाओं व 'टुकड़े टुकड़े गैंग' पर इस आपराधिक मानसिकता का समर्थन करने का आरोप लगाया.
राष्ट्रीय राजधानी में मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुए, संयुक्त महासचिव (विहिप) डॉ. सुरेंद्र जैन ने कहा कि ऐसे सैकड़ों मामले हैं जो रिपोर्ट नहीं किए जाते हैं और इस बात पर जोर देते हैं कि विहिप ने लव जिहाद के ऐसे मामलों की एक सूची तैयार की है जिनकी संख्या पिछले 10 वर्षों में 400 के आंकड़े को छूती है. दिल्ली में अपने लिव-इन पार्टनर आफताब द्वारा श्रद्धा वाल्कर की नृशंस हत्या ने एक और कड़े धर्मांतरण-विरोधी विधेयक लाने की बहस छेड़ दी है.
इस मामले के बारे में बात करते हुए विहिप ने कहा कि जब यह मामला आया तो लोगों को शुरू में लगा कि यह मामला एक ऐसे व्यक्ति के इर्द-गिर्द घूमता है जो एक मनोरोगी है, लेकिन यह वास्तविकता नहीं है. आरोपी ने उस मासूम बच्ची की बेरहमी से हत्या कर दी और ऐसे हजारों मामले हैं जो ज्यादातर मामलों में दर्ज ही नहीं हो पाते. जैन ने आगे कट्टर मौलानाओं और उदारवादी गिरोह पर इस मानसिकता को उनके अवांछित समर्थन के लिए हमला किया.