नई दिल्ली : विश्व हिंदू परिषद (विहिप) 'गैर कानूनी' धर्मांतरण (conversions) के विरुद्ध कड़े कानून बनाने के लिए दबाव बनाते हुए सोमवार से 11 दिनों का अभियान (11 day campaign) चलाएगी. वह यह सुनिश्चित करने के लिए कानूनी प्रावधान की भी मांग करेगी कि इस्लाम या ईसाइयत अपनाने वाले आदिवासियों को संविधान के तहत अनुसूचित जनजातियों को उपलब्ध आरक्षण एवं अन्य फायदे नहीं मिले.
विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार (working president Alok Kumar) ने शनिवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इस राष्ट्रव्यापी अभियान से पूर्व विहिप ने भाजपा, कांग्रेस, जदयू, राजद, आप, तृणमूल कांग्रेस, माकपा एवं नेशनल काफ्रेंस से संपर्क किया एवं उनसे धर्मांतरण-निरोधक कानून तथा अन्य धर्म अपनाने के लिए अपना धर्म छोड़ने वाले आदवासियों को आरक्षण एवं अन्य फायदों का लाभ उठाने से रोकने के वास्ते संविधान में संशोधन की उसकी मांग का समर्थन करने का अनुरोध किया. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि विहिप ने अपनी मांग के समर्थन में किन किन सांसदों से संपर्क किया.
कुमार ने कहा कि इस अभियान के दौरान हिंदू समाज को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम किये जाएंगे तथा कार्यक्रम का समापन 31 दिसंबर को होगा. उन्होंने कहा, 'जिन लोगों ने अन्य धर्म को अपना लिया है, उन्हें वापस हिंदू धर्म में लाने का प्रयास किया जाएगा.'
उन्होंने कहा कि धर्मांतरण में लगे लोगों को बेनकाब करने के लिए साहित्य और पर्चे बांटे जाएंगे तथा जनसभाएं एवं छोटी सभाएं की जाएंगी तथा लोगों को जागरूक किया जाएगा ताकि हिंदू समाज हिंदू विरोधी हरकतों को देख पायें एवं उन्हें रोक पायें.