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विहिप ने गृहमंत्री से मिलने का समय मांगा, दो केंद्रीय कानूनों पर होगी चर्चा - VHP Union General Secretary Surendra Jain

विश्व हिन्दू परिषद ने दो अहम मांगों को सरकार के सामने रखने के लिए गृहमंत्री अमित शाह से मिलने का समय मांगा है. विहिप के केंद्रीय महामंत्री सुरेंद्र जैन ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि आज देश भर में धर्मांतरण एक बड़ी समस्या बन कर उभर रहा है. यह मानवता के विरुद्ध सबसे बड़ा अपराध है और इसके खिलाफ कई राज्यों ने कानून भी बनाए हैं.

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Published : Aug 2, 2021, 6:38 PM IST

नई दिल्ली :विहिप के केंद्रीय महामंत्री सुरेंद्र जैन ने कहा कि अब आवश्यकता है कि केंद्र भी धर्मांतरण पर कानून बनाए. कहा कि जल्द से जल्द धर्मांतरण के विरुद्ध केंद्रीय कानून बने. इसके अलावा दूसरा विषय मंदिरों को सरकार के नियंत्रण से मुक्ति के लिए कानून का है.

सुरेंद्र जैन ने कहा कि आज हिन्दू समाज सक्षम है कि वह अपने मंदिरों की देखभाल कर सकता है. सुप्रीम कोर्ट भी यह कह चुका है कि सरकारों का काम मंदिर या अन्य धार्मिक स्थल बनाना या चलाना नहीं है. केंद्र सरकार को एक कानून बना कर सभी मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर देना चाहिए.

वर्तमान में देश के कई प्रमुख मंदिर स्वतंत्र रूप से चल रहे हैं. स्वयं प्रधानमंत्री और गृहमंत्री भी ऐसे मंदिरों में गए हैं और वहां की व्यवस्था से भी वाकिफ हैं. इसलिए अब सही समय है कि इस विषय पर एक कानून बना कर सरकार मंदिरों पर अपने आधिपत्य को खत्म करे.

विहिप धर्मांतरण के खिलाफ लगातार आवाज उठाता रहा है. भाजपा साशित कुछ राज्यों ने अपने स्तर पर कानून भी बनाए लेकिन इसके बावजूद सबसे ज्यादा धर्मांतरण के मामले उत्तर प्रदेश से ही सामने आते रहे हैं. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की तारीफ में अमित शाह ने कहा कि योगी सरकार ने यूपी से गुंडा और माफिया राज खत्म करने का काम किया है. लेकिन क्या धर्मांतरण पर अंकुश लगाने में योगी सरकार पीछे रह गई? इस सवाल के जबाब में विहिप महामंत्री ने कहा कि जिन राज्यों में धर्मांतरण के विरुद्ध कानून बने हैं उसमें सबसे ठोस कानून योगी सरकार ने ही बनाया है.

विहिप के केंद्रीय महामंत्री सुरेंद्र जैन से बातचीत

जहां तक संख्या की बात है वह देश के लगभग सभी राज्यों में यह काम किया जा रहा है. केरल का उदाहरण देते हुए सुरेंद्र जैन ने कहा कि वहां से भी मामले कम नहीं हैं. धार्मिक तुष्टिकरण के प्रयासों पर भी विहिप ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.

कोरोना महामारी की दूसरी लहर नियंत्रण में आई तो अलग अलग राज्यों ने अपने प्राथमिकताओं के मुताबिक लोगों को धार्मिक आयोजनों के लिए कोविड प्रोटोकॉल में ढील देने का प्रयास किया. लेकिन बाद में जब सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया तब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को कांवड़ यात्रा पर रोक लगानी पड़ी.

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दूसरी तरफ केरल सरकार ने बकरीद के मौके पर कोरोना नियमों में ढील देने की बात कही. मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और आदेश आने के बाद सरकार को अपना निर्णय वापस लेना पड़ा. लेकिन सुरेंद्र जैन बताते हैं कि केरल में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद पिनारायी विजयन की सरकार लोगों की जान जोखिम में डाल कर कोरोना नियमों में छूट दी. यही कारण है कि आज देश में सबसे ज्यादा संक्रमण के मामले केरल से सामने आ रहे हैं. यदि भारत में तीसरी लहर आती है तो वह केरल सरकार के कारण आएगी.

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